ग्रेटर नोएडा

सूरजपुर व कासना कस्बों के दिन बहुरेंगे

–एंटरटेनमेंट जोन के रूप में विकसित होगा घंटाघर व उसके आसपास का एरिया
–दोनों कस्बों की गलियां, सड़कें होंगी और दुरुस्त, बाजारों का होगा सौंदर्यीकरण
–सूरजपुर में बने सरकारी महकमे व कासना में सती निहालदे मंदिर भी चमकेंगे

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के सबसे पुराने कस्बे सूरजपुर व कासना के दिन जल्द बहुरेंगे। इनको नए सिरे से मॉडर्न व डिजिटल कस्बे के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इनका खाका तैयार कर लिया है। आगामी बोर्ड बैठक में इन पर मुहर लग जाएगी।
सूरजपुर व कासना, इस एरिया के दो सबसे पुराने कस्बे हैं, बल्कि ग्रेटर नोएडा की शुरुआत ही इन दो कस्बों से हुई है। गौतमबुद्ध नगर का मुख्यालय (कलेक्ट्रेट) , विकास भवन, पुलिस कमिश्नर ऑफिस, जिला अदालत, जीएसटी कार्यालय आदि सूरजपुर कस्बे की जमीन पर ही बने हुए हैं। प्राचीन बराही मेला भी सूरजपुर में ही लगता है। लगभग दो किलोमीटर एरिया में इसकी बसावट है। स्थानीय लोग यहां की आबादी करीब चार लाख बताते हैं, जिनमें मूल आबादी और किराएदार दोनों ही शामिल हैं। बताया जाता है कि मध्यकाल में राजा सूरजमल ने इसे बसाया था। इसी तरह कासना भी ग्रेटर नोएडा का सबसे पुराना कस्बा है। बताया जाता है कि मध्यकाल में राजा राव कासल ने इसे बसाया था। प्राचीन किले का अवशेष अब भी है। सती निहालदे का मंदिर भी कासना में है। कासना में नौलखा बाग भी बहुत प्रसिद्ध हुआ था, जिसमें नौ लाख पेड़ थे। इसके कुछ हिस्से में मंदिर और उसके आसपास हरियाली अब भी है। यहां के मूल और किराएदारों की आबादी भी चार लाख से अधिक बताई जा रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसे नए सिरे से विकसित करने का निर्णय लिया है। यहां की सड़कों, गलियों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। बाजार का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। घंटाघर चौक (सूरजपुर तिराहे) और उसके आसपास के एरिया को एंटरटेनमेंट जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी तरह कासना का भी पुर्नउद्धार होगा। दोनों ही कस्बों को सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। सूरजपुर में स्थित सभी सरकारी महकमों को भी सजाया संवारा जाएगा। उनके आसपास हरियाली, पार्किंग, फुटपाथ आदि विकसित किए जाएंगे।
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आड़े नहीं आएगी पैसों की कमी
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सूरजपुर व कासना कस्बे के पुर्नउद्धार में पैसों की कमी आड़े नहीं आने पाएगी। दोनों कस्बों के विकसित करने में फिलहाल 50-50 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे अधिक खर्च हुआ तो भी प्राधिकरण पीछे नहीं हटेगा। प्राधिकरण के पास 700 करोड़ रुपये से अधिक का बैलेंस है। प्राधिकरण ने हाल ही में 120 करोड़ रुपए लोन की नियमित किस्त के अलावा 400 करोड़ रुपये कर्ज की प्रीमियम धनराशि के रूप में प्री पेमेंट किया है। दोनों कस्बों के विकास के लिए इसी बजट में 10-10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिस पर आगामी बोर्ड बैठक में मुहर लग जाने की पूरी उम्मीद है।
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डिजिटल तकनीक से लिखी जाएगी कस्बों के विकास की इबारत
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सूरजपुर व कासना कस्बे के विकास की इबारत डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर लिखी जाएगी। इसका प्लान जीआईएस (जियोग्राफिकल इनफोर्मेशन सिस्टम) तकनीक का सहारा लेकर तैयार किया जाएगा। कंसल्टेंट से डिजिटल तकनीक के जरिए ही परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। ग्रेटर नोएडा गति शक्ति पोर्टल से पहले ही जुड़ चुका है। ऐसे में इन दो कस्बों का विकास के लिए भी इसी पैटर्न को अपनाया जाएगा।
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दोनों कस्बों के पुर्नउद्धार की समयसीमा तय
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सूरजपुर व कासना के नए सिरे से विकसित करने के लिए सीईओ ने टाइमलाइन भी तय कर दी है। इन दोनों कस्बों पुर्नउद्धार के लिए बहुत जल्द कंसल्टेंट एजेंसी चयनित की जाएगी। मुख्यमंत्री के 100 दिन कार्यक्रम की तरह ही दोनों कस्बों के लिए 100 दिन के भीतर कंसल्टेंट का चयन कर छह माह में रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। सभी अप्रूवल व टेंडर प्रक्रिया को पूरा करते हुए 31 मार्च 2023 को इनके विकास की नींव रखी जाएगी। 2025 तक इन दोनों को कस्बों को विकसित करने का लक्ष्य है।
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सीईओ का बयान
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-सूरजपुर व कासना यहां के सबसे बड़े व पुराने कस्बे हैं। प्राधिकरण इनको नए सिरे से विकसित करना चाह रहा है। इनके विकास पर जितना भी पैसा लगेगा, प्राधिकरण उसे वहन करेगा। आधुनिक तकनीक के सहारे इन दोनों को मॉडर्न व डिजिटल कस्बों के रूप में विकसित किया जाएग। इनके बजट पर आगामी बोर्ड बैठक से मंजूरी ले ली जाएगी।
नरेंद्र भूषण, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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