और भी मजबूत हो जाएगा टाटा स्टील का कुनबा, सात सहायक कंपनियों के विलय को मंजूरी
Tata Group: टाटा ग्रुप ने अपनी कंपनियों के कंसॉलिडेशन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. इसके अंतर्गत टाटा ग्रुप की मेटल्स से जुड़ी सभी कंपनियां टाटा स्टील (Tata Steel) में मर्ज होंगी. इसका मतलब कि गुप की मेटल्स से जुड़े सभी कारोबार की एक कंपनी टाटा स्टील हो जाएगी. टाटा स्टील ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि गुरुवार को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की हुई मीटिंग में ग्रुप की 7 मेटल कंपनियों का टाटा स्टील में विलय करने के प्रस्ताव मंजूरी दे दी गई.
टाटा स्टील की ओर से शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ग्रुप की जिन कंपनियों का टाटा स्टील में विलय होगा, उनमें टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (Tata Steel Long Products), द टिनप्लेट कंपनी ऑफ लिमिटेड (The Tinplate Company of India Limited), टाटा मेटालिंक्स लिमिटेड (Tata Metaliks Limited), TRF लिमिटेड, इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (The Indian Steel & Wire Products Limited), टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (Tata Steel Mining Limited) और S&T माइनिंग कंपनी लिमिटेड (S&T Mining Company Limited) शामिल है.
टाटा स्टील में जिन 7 कंपनियों (प्रत्येक एक अलग स्कीम) का विलय हो रहा है, उन कंपनियों के बोर्ड, स्वतंत्र निदेशकों की कमिटी और कंपनी की ऑडिट कमिटी ने मर्जर के प्रस्ताव की समीक्षा करने के बाद इसकी सिफारिश की थी. प्रत्येक स्कीम के लिए सभी कंपनियों को अपने शेयरधारकों, सेबी, सक्षम अथाॉरिटी, शेयर बाजार (NSE, BSE), नियामकीय और अन्य संबंधित सरकारी अथॉरिटीज या न्याायकि अथॉरिटीज से मंजूरी लेनी होगी. सेबी के नियमानुसार जरूरत के आधार पर सभी स्कीम के जुड़े डॉक्यूमेंट्स/सर्टिफिकेट्स शेयर बाजारों को उपलब्ध कराए जाएंगे.