आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, 29 तक आरोप तय करे ट्रायल कोर्ट
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा टेनी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अगले महीने तक के लिए टल गई है. कोर्ट में अब यह सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने टेनी की ओर से पेश होते हुए कहा कि जिस एफआईआर में मेरा नाम है. वह किसी चश्मदीद गवाह की नहीं, बल्कि सुनी सुनाई बातों पर आधारित है.
हालांकि रोहतगी की इस दलील पर जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि इससे कैसे फर्क पड़ता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है, हालांकि ट्रायल कोर्ट को आरोप तय करने के संबंध में उचित आदेश पारित करना बाकी है.
29 नवंबर को निचली अदालत में होगी सुनवाई
मामला 29 नवंबर को निचली अदालत में सुनवाई के लिए लगा हुआ है. कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया गया है. वह उस दिन या एक सप्ताह के भीतर आरोप तय करने के लिए मामला निर्धारित करें. सुप्रीम कोर्ट 12 दिसंबर को मामले पर सुनवाई करेगा.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़े एक मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा दायर जमानत याचिका को ऐसी बेंच के समक्ष रखा जाना चाहिए जिसमें ऐसे न्यायाधीश हों जो पहले इस मामले की सुनवाई कर चुके हैं. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह इस याचिका को उचित बेंच के समक्ष रखने के लिए प्रधान न्यायाधीश से आदेश प्राप्त करे.
बेंच ने कहा कि न्यायिक मर्यादा के अनुसार इस मामले को ऐसी बेंच के समक्ष रखा जाए जिसमें कम से कम एक न्यायाधीश ऐसे हों जो पहले इस मामले पर गौर कर चुके हैं. तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने 18 अप्रैल को मामले में आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह में आत्मसमर्पण करने को कहा था.
बेंच ने यह भी कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में ‘पीड़ितों’ को ‘निष्पक्ष और प्रभावी सुनवाई’ से वंचित कर दिया गया और अदालत ने ‘सबूतों को लेकर अदूरदर्शी दृष्टिकोण’ अपनाया. जस्टिस रमण अब रिटायर हो चुके हैं. बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 26 जुलाई को मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए थे 4 किसान समेत 8 लोग
सर्वोच्च अदालत ने छह सितंबर को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब देने को कहा था. मिश्रा ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. आशीष मिश्रा ने आरोपों का खंडन किया है.
पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का किसानों ने विरोध किया था. इस दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मृत्यु हो गई थी.