अंतर्राष्ट्रीय

शहबाज शरीफ ने चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग से की मुलाकात, दोनों देशों के बीच CPEC को मजबूत करने पर बनी सहमति

बीजिंग: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीजिंग की अपनी पहली यात्रा में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की और इस दौरान दोनों ने अपनी सदाबहार दोस्ती को और मजबूत करने तथा 60 अरब डॉलर लागत वाले चीन – पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर सहमति जताई।

शहबाज दो दिन की चीन यात्रा पर मंगलवार रात को बीजिंग पहुंचे। यह अप्रैल में उनके प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से उनकी पहली चीन यात्रा है। हालांकि प्रधानमंत्री बनने के बाद शी के साथ उनकी यह दूसरी मुलाकात है। उन्होंने पिछले महीने उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से इतर शी से मुलाकात की थी।

समरकंद में शहबाज से मुलाकात के दौरान शी ने सीपीईसी की परियोजनाओं पर काम कर रहे सैकड़ों चीनी श्रमिकों के संरक्षण की बात कही थी।

पाकिस्तान की सरकार संचालित एपीपी समाचार एजेंसी ने बुधवार को बताया कि शहबाज और शी ने मंगलवार को पीपल्स ग्रेट हॉल ऑफ चाइना में मुलाकात की और अर्थव्यवस्था तथा निवेश में व्यापक सहयोग पर चर्चा के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

एजेंसी के अनुसार दोनों नेताओं ने सीपीईसी और रणनीतिक साझेदारी समेत विविध क्षेत्रों में बहुस्तरीय सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई। शहबाज और शी ने दोनों देशों के बीच हर स्थिति में बनी रहने वाली रणनीतिक सहयोग साझेदारी को और बढ़ाने की आकांक्षा प्रकट की।

शरीफ पहले शासन प्रमुख हैं जिन्होंने हाल में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में 69 वर्षीय शी को अभूतपूर्व तरीके से पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर मिलकर बधाई दी।

शहबाज प्रधानमंत्री ली क्विंग और चीन की संसद -नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) के सभापति से भी मुलाकात कर दोनों देशों के संबंधों पर चर्चा करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक शहबाज की यात्रा के दौरान अनेक समझौतों पर दस्तखत किये जा सकते हैं।

शहबाज चीन के नेताओं के साथ अपनी बातचीत में उनकी सरकार को और मदद के लिए अपना पक्ष रख सकते हैं ताकि वहां श्रीलंका जैसा संकट पैदा नहीं हो।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार पाकिस्तान का कुल गैर-पेरिस क्लब द्विपक्षीय कर्ज इस समय करीब 27 अरब डॉलर है जिसमें से चीन का कर्ज करीब 23 अरब डॉलर का है।

शहबाज की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब उनके देश में राजनीतिक गतिरोध है। शहबाज की यात्रा से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि यह यात्रा व्यापक द्विपक्षीय सहयोग के एजेंडा को आगे बढ़ा सकती है।

भारत ने सीपीईसी को लेकर चीन से आपत्ति जताई है क्योंकि इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर बनाया जा रहा है।

उधर चीन सीपीईसी की परियोजनाओं में देरी को लेकर खुश नहीं है। यह शी की अरबों डॉलर की परियोजना बीआरआई की महत्वाकांक्षी योजना है।

पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पिछले ही चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे से मुलाकात की थी। बाजवा ने अपने सेवानिवृत्त होने से पहले चीन की औचक यात्रा की थी। उस समय खबरें थीं कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ संबंधों को बढ़ाने पर भी चीन चिंतित है।

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