इमरान के करीबी शाह महमूद कुरैशी ‘हिंसक विरोध भड़काने’ के आरोप में गिरफ्तार, हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना तैनात
इस्लामाबाद/लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी को हिंसा भड़काने, शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. पड़ोसी देश में चल रही राजनीतिक उथल पुथल के चलते कम से आठ लोगों की मौत हो गई है. पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ (PTI) का दावा है कि 66 वर्षीय महमूद को इस्लामाबाद पुलिस ने गुरुवार की सुबह गिरफ्तार करके किसी अज्ञात जगह पर रखा है. वहीं पुलिस का कहना है कि अब तक पीटीआई नेता कुरैशी, असद उमर, फवाद चौधरी, जमशेद इकबाल चीमा, फलकनाज चित्राली, मुसर्रत जमशेध चीमा, और मलेका बोखारी को हिरासत में लिया जा चुका है. बताया जा रहा है कि अभी और गिरफ्तारी भी हो सकती हैं.
इमरान खान की नाटकीय रूप से गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक विरोध हो रहा है जिसकी वजह से करीब 8 लोगों की जान चली गई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. रिपोर्ट बताती हैं कि लाहौर और पेशावर में हालात सबसे ज्यादा खराब है. भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार अपने नेता के समर्थन में उनके समर्थकों ने सेना मुख्यालय पर धावा बोल दिया था, इसके साथ ही कई जगह आगजनी की घटनाएं भी सामने आई. इसके बाद सेना की मीडिया विंग (इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन) ने कहा कि वह कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं देंगे. वहीं पीटीआई ने पहले ही घोषणा कर दी है कि जब तक उनके नेता को छोड़ा नहीं जाएगा आंदोलन जारी रहेगा.
इसके पहले पीटीआई के एक और प्रमुख नेता फवाद चौधरी को पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय की इमारत से निकलते वक्त गिरफ्तार कर लिया था जहां उन्होंनें खुद को गिरफ्तार होने से बचाने के लिए 12 घंटे तक शरण ली थी. वहीं बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गैर-जवाबदेही अदालत नंबर 1 में प्रस्तुत किया गया, जहां उनकी सुनवाई के लिए न्यायाधीश मुहम्मद बशीर मौजूद थे, बता दें कि यह वही न्यायाधीश हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम को दोषी ठहराया था. अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए खान को 8 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. जियो न्यूज चैनल के मुताबिक खान ने अदालत में खुद को बेकसूर बताते हुए अदालत के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया.
इमरान खान पर मामला पिछले साल पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने दायर किया था. पूर्व प्रधानमंत्री पिछले महीनों कई सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे. उन पर आरोप था कि उन्होंने राज्य के उपहारों की बिक्री से हुई आय को छिपाया है. खान को अविश्वास मत हारने के बाद अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसे उन्होंने अमेरिकी नेतृत्व की साजिश बताया था. क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति रखने का फैसला लिया था. इमरान खान संसद में अविश्वास मत से बाहर होने वाले एकमात्र पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं.