व्यापार

महंगाई देख सरसों, सोया, चना समेत सात वस्तुओं के वायदा कारोबार पर लगी रोक

महंगाई पर काबू पाने के लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कुछ एग्री कमोडिटी (Agri Commodities) के वायदा कॉन्ट्रैक्ट (Future Contract) में कारोबार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है. बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंजों को अगले आदेश तक गेहूं, कच्चे पाम तेल, मूंग और कुछ अन्य जिंसों में नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू नहीं करने का निर्देश दिया. यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. धान (गैर-बासमती), गेहूं, सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव (इसका परिसर), कच्चे पाम तेल और मूंग के लिए नए अनुबंधों को शुरू करने पर नियामक द्वारा अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है.

वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, सात कमोडिटीज- धान (गैर-बासमती), गेहूं, चना, सरसों के बीज और इसके डेरिवेटिव, सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव, कच्चे पाम तेल और मूंग का व्यापार तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

>> सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स पर पाबंदी
>> मूंग, चना, क्रूड पाम तेल सरसों, धान (गैर-बासमती), गेहूं पर 1 साल तक रोक.
>> 20 दिसंबर से नई पोजीशन लेने पर रोक लगी है.
>> मौजूदा सौदे को सिर्फ खत्म करने की इजाजत है.
>> अगले आदेश तक फ्यूचर्स-ऑप्शंस के नए कॉन्टैक्ट लॉन्च नहीं होंगे.
>> 1 साल तक नए कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च पर पाबंदी लगी है.
>> इन कमोडिटी वायदा पर रोक- गेहूं, चना, सरसों, सोया तेल, सोयाबीन मील पर है.

दलहन और तिलहन की कीमतों में तेजी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. इनकी कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार ने इन कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाई है.

सरकार के इस फैसले से वायदा बाजार का संतुलन कमजोर होगा. आप नई पोजीशन नहीं बना पाएंगे और पुराने कॉन्ट्रैक्ट को फ्लिप स्कॉयरअप करने की इजाजत होगी.

आपको बता दें कि नवंबर में खुदरा महंगाई की दर (CPI) बढ़कर 4.91 फीसदी होगी गई है. इससे पहले अक्टूबर में रिटेल महंगाई 4.35 फीसदी पर रही थी. खाने की चीजों की रिटेल महंगाई नवंबर में बढ़कर 1.87 फीसदी हो गई है. वहीं, सब्जियों की रिटेल महंगाई की बात करें, तो यह -13.62 फीसदी पर रही है. दूसरी तरफ, दालों की रिटेल महंगाई 3.18 फीसदी पर रही है.

कपड़ों और जूतों की रिटेल महंगाई 7.94 फीसदी पर रही है. वहीं, तेल और ऊर्जा की रिटेल महंगाई नवंबर में 13.35 फीसदी पर पहुंच गई है. दूसरी तरफ, घरों की रिटेल महंगाई 3.66 फीसदी पर रही है.

महाराष्ट्र में अरहर की सरकारी खरीद जल्द शुरू होने वाली है. अरहर की पैदावार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. बगैर रजिस्ट्रेशन के किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं मिलेगा. केंद्र सरकार की मूल्य समर्थन योजना के तहत 22 फसलों की एमएसपी पर खरीद होती है. वहीं गन्ना के लिए किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) दिया जाता है.

नेशनल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक एसके सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि अरहर खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सोमवार से शुरू होगा. तैयारियों का जायजा लेने के लिए उन्होंने कहा कि अरहर का उत्पादन लगभग 10.87 लाख टन होने की उम्मीद है, और महाराष्ट्र में खरीद लक्ष्य लगभग 2.71 लाख टन निर्धारित किया गया है.

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