राष्ट्रीय

कल्लाकुरिची में छात्रा की मौत के बाद स्कूल के बाहर कड़ी की गई सुरक्षा, प्रिंसिपल समेत तीन लोग गिरफ्तार

तमिलनाडु (Tamil Nadu) में कल्लाकुरिचि के निकट रविवार को एक छात्रा की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए रविवार को कई वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया. उन्होंने लड़की के स्कूल में तोड़फोड़ भी की. पुलिस ने हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं और निषेधाज्ञा लगा दी गई. आसपास के इलाकों से पुलिस बल पहुंचने के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे. पुलिस महानिदेशक सी शैलेंद्र बाबू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लड़की की मौत के मामले में जांच सीबी-सीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई है. बाबू ने कहा कि हिंसा में शामिल करीब 70 लोगों को और स्कूल प्रबंधन में वरिष्ठ पदों पर काबिज दो पुरुषों और एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है.

उन्होंने कहा कि स्कूल के पदाधिकारियों को लड़की की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए खुफिया तंत्र की नाकामी की बात को खारिज कर दिया. हिंसा में डीआईजी (विल्लुपुरम) एम पांडियान जैसे अधिकारियों समेत 52 पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं. बाबू ने कहा कि पुलिस ने संयम बरता और हालात को सावधानी से संभाला. उन्होंने कहा कि हालात को इस तरह संभाला गया कि कोई जान नहीं जाए. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि दोषियों को दंडित किया जाएगा.

गृह सचिव और DGP ने स्कूल का निरीक्षण किया

राज्य के गृह सचिव के फानिंद्र रेड्डी और पुलिस महानिदेशक शैलेन्द्र बाबू चेन्नई से यहां पहुंचे और लड़की के स्कूल का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि हिंसा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया है. बाबू ने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर हिंसा भड़काने वालों की पहचान की गई है और इससे संबंधित और लोगों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्कूल में तोड़फोड़ की घटना की अलग से जांच की जाएगी और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को एकत्रित करने में एक संदिग्ध संगठन की भूमिका समेत सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी चिन्नासलेम में स्थित एक इंटरनेशनल स्कूल में पुलिस के अवरोधकों को तोड़ते हुए घुस गए और उन्होंने परिसर में खड़ी बसों में आग लगा दी. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने पुलिस की एक बस में भी आग लगा दी. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने छत पर चढ़कर स्कूल के नाम का बोर्ड क्षतिग्रस्त कर दिया.

स्कूल में जमकर तोड़फोड़

पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन थोड़ी देर में वे फिर से इकट्ठा हो गए और तोड़फोड़ की. स्थिति को काबू में करने के लिए आसपास के जिलों की पुलिस यहां एकत्र होनी शुरू हो गई. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों का एक गुट स्कूल में घुस गया और उन्होंने स्कूल परिसर में तोड़फोड़ की. उन्होंने बताया कि उनमें से कुछ स्कूल के फर्नीचर और अलमारी ले गए, उन्हें तोड़ा और आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों नें पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया. पुलिस महानिदेशक सी. शैलेन्द्र बाबू ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और हिंसा करने वालों को चेतावनी दी. उन्होंने चेन्नई में पत्रकारों से कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने पुलिस, राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर लापरवाही बरतने और समय रहते कदम नहीं उठाने के आरोप लगाए हैं. पलानीस्वामी ने कहा, ‘इसके लिए मुख्यमंत्री स्टालिन पूरी तरह से जिम्मेदार हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की होती तो स्थिति हाथ से बाहर नहीं जाती. भाजपा ने द्रमुक शासन को अयोग्य बताया.

13 जुलाई को हुई थी मौत

गौरतलब है कि यहां से 15 किलोमीटर दूर चिन्नासलेम में एक निजी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय एक छात्रा 13 जुलाई को छात्रावास परिसर में मृत पाई गई थी. यह छात्रा छात्रावास की तीसरी मंजिल में बने कमरे में रहती थी और माना जा रहा है कि उसने सबसे ऊपर के तल से नीचे कूदकर जान दे दी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कथित तौर पर यह सामने आया है कि छात्रा की मौत से पहले उसके शरीर पर चोट के निशान थे. पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. छात्रा की मौत के बाद उसके परिजन, रिश्तेदार और उसके गांव पेरिवानासालुर के लोग न्याय की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले की जांच अपराध शाखा-अपराध जांच विभाग (सीबी-सीआईडी) से कराने और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की.

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