आगरा में तपन ग्रुप के यहां 72 घंटे चली सर्च, 40 करोड़ रुपये सरेंडर
खाद्य तेल एवं घी आदि के निर्माता तपन ग्रुप पर आयकर सर्च का समापन गुरुवार सुबह आठ बजे हुआ। लगभग 72 घंटे की कार्रवाई में विभाग ने बड़ी मात्रा में नकदी एवं बहुमूल्य धातु बरामद की है। ग्रुप संचालकों ने विभाग के समक्ष 40 करोड़ रुपये का सरेंडर किया है। कार्रवाई सात ठिकानों पर चली। विभाग के संयुक्त निदेशक जांच के नेतृत्व में चली कार्रवाई में साढ़े तीन दर्जन अधिकारियों ने हिस्सा लिया। आगरा के अलावा अन्य क्षेत्रों के आयकर के अधिकारी इस जांच में शामिल रहे।
विभाग के संयुक्त निदेशक जांच के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई में विभाग को बड़ी तादाद में विवरण मिला है। ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनके आधार पर वास्तविक आय का आकलन किया जाएगा। जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में से भी जरूरी जानकारियां मिल सकती हैं। अनुमान है कि इस सरेंडर से विभाग को बतौर टैक्स 10 करोड़ रुपये से भी अधिक की रकम मिलने का अनुमान है।
बताया जा रहा है कि ग्रुप ने बड़ी तादाद में रियल एस्टेट में निवेश किए हैं। विभाग द्वारा इसके साक्ष्य के लिए काफी प्रयास किया गया। कई प्रोपर्टी के कागज खातों में चढ़े हुए थे। बाकी कुछ ऐसे प्रोपर्टी निवेश की आशंका है जिसको ऊपरी तौर पर ही खरीद लिया गया।
प्रॉफिट कम दिखाया
विभाग के सर्च की एक बड़ी वजह तपन ग्रुप के कम होते मुनाफे को लेकर रही। सूत्रों ने बताया कि कुछ अरसे से ग्रुप के रिटर्न में मुनाफा कम दिखाया जा रहा था। जबकि ग्रुप के संचालकों के व्यक्तिगत खर्च एवं अन्य मदों में निवेश की राशि में कहीं कमी नहीं रही। इन हालातों में विभाग ने सर्च को अपना हथियार बनाया।
निशाने पर डिब्बा
हवाला एजेंटों पर कार्रवाई के बाद अब विभाग के निशाने पर असंगठित क्षेत्र के वायदा कारोबार भी हैं। इस सेक्टर में लोकल एक्सचेंज अपनी शर्तों पर बहुमूल्य धातुओं में फॉवर्डिंग के सौदे बुक करती हैं। इसमें लेन देन को सरकारी टैक्स विभागों से दूर ही रखा जाता है। स्थानीय भाषा में इसे डिब्बा कहा जाता है।