कोरोनारोधी टीका न लगवाने वाले विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा देने में वरीयता दे रहे स्कूल
नोएडा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कुछ स्कूलों में नौवीं व ग्यारहवीं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी है तो कुछ स्कूलों में मार्च के पहले और दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाएगी। विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए स्कूलों ने ऑनलाइन परीक्षा का भी विकल्प तैयार किया है। इच्छुक विद्यार्थियों के साथ ही कोरोनारोधी टीके से वंचित विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा में वरीयता दी जाएगी। सीबीएसई बोर्ड ने सभी स्कूलों को 25 मार्च तक परीक्षाएं संपन्न कराने के आदेश दिए हैं। इसके बाद स्कूल 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटेंगे। सत्र-2 की बोर्ड परीक्षा के लिए 26 अप्रैल तिथि निर्धारित है।
जिले में सीबीएसई के 240 स्कूल है। इनमें 9वीं व 11वीं के लगभग 1.50 लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। सेक्टर-44 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय की प्रधानाचार्य रेनू सिंह ने बताया कि उनके स्कूल में 21 फरवरी से 9वीं-11वीं की वार्षिक परीक्षा शुरू हो चुकी है। स्कूल के 90 प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। वहीं, सेक्टर-34 बिलाबोंग स्कूल में भी इसी तिथि से परीक्षाएं जारी है, जिसमें 50 प्रतिशत बच्चे घर से ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। हालांकि, कुछ स्कूल में अभी परीक्षा शुरू होनी बाकी है। डीपीएस गौतमबुद्ध नगर में 28 फरवरी से परीक्षा शुरू होगी। प्रधानाचार्य सुप्रीति चौहान ने बताया कि टीकाकरण से वंचित विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा होगी। सेक्टर-22 स्थित समरविल स्कूल में चार मार्च। जबकि, यदु स्कूल में 10 मार्च से परीक्षा शुरू होनी है। सभी स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा देने की सुविधा रहेगी। वहीं, स्कूल प्रबंधक परीक्षाओं के संबंध में विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ ही बातचीत कर रहे हैं।
ऑनलाइन परीक्षा में नकल रोकना बड़ी चुनौती
ऑनलाइन परीक्षा में नकल रोकना स्कूलों के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि, कुछ स्कूल प्रबंधक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुविधा का हवाला देते हुए नकल न होने देने का भी दावा कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधनों के अनुसार ऑनलाइन परीक्षा लैपटॉप पर देनी होगी। परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के लैपटॉप का कैमरा भी ऑन रहेगा। परीक्षा शुरू होने से पहले शिक्षक आसपास किसी प्रकार की नोटबुक आदि की भी पड़ताल करेंगे।सत्यापन करने के बाद ही विद्यार्थी को परीक्षा देने की अनुमति मिलेगी। हालांकि इतने प्रयास नकल रोकने के लिए काफी नहीं है। परीक्षा के दौरान शिक्षकों के लिए विद्यार्थियों की नजरों पर पहरा देना मुश्किल रहेगा। विद्यार्थी लैपटॉप के पीछे किताब खोलकर कैमरे की तरफ नजरे रखते हुए भी आसानी से नकल कर सकता है।
कोट:
अक्सर शिक्षकों को पता होता है कि विद्यार्थी पढ़ाई में कैसा है। यदि ऑनलाइन परीक्षा देने वाले विद्यार्थी के अंक ज्यादा रहेंगे तो सत्यापन के तौर पर उसका मौखिक तौर से भी प्रश्न पूछे जाएंगे।
– रेनू सिंह, जिला संयोजक, सीबीएसई