एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR ) ने रविवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2017 और 2021 के बीच गुजरात से कॉरपोरेट चंदे की सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता रही. यह कांग्रेस से 16 गुना अधिक चंदा है. रिपोर्ट के अनुसार, चार राजनीतिक दलों- बीजेपी, कांग्रेस, आप और एसकेएम को वित्त वर्ष 2016-17 और 2020-21 के बीच गुजरात के 1,571 दानदाताओं से 174.06 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट चंदा प्राप्त हुआ है.
इस पांच साल की अवधि के दौरान, 1,519 दानदाताओं से 163.54 करोड़ रुपये की राशि के कॉर्पोरेट चंदे का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बीजेपी थी. वहीं कांग्रेस को इस दौरान महज 10.46 करोड़ रुपये मिले हैं. दान के रूप में सियासी दलों को 343 करोड़ के इलेक्टोरल बांड प्राप्त हुए है, वहीं 174 करोड़ का कॉर्पोरेट दान है. पार्टी वित्त वर्ष 2018-19 में कॉर्पोरेट चंदे की सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता भी थी, जिसकी कीमत 46.22 करोड़ रुपये थी, जो कांग्रेस के 2.61 करोड़ से लगभग 18 गुना अधिक थी.
गुजरात की राजनीति में प्रवेश करने वाली नई आम आदमी पार्टी को पांच साल की अवधि के दौरान कॉर्पोरेट दान में कुल 3.2 लाख रुपये मिले. 2017-2020 के बीच कोई भी दान नहीं मिला है. पांच साल की अवधि में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त कुल 4,014.58 करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट चंदे में से, 4.34 प्रतिशत या 174.06 करोड़ रुपये गुजरात से आए.
देश भर के राजनीतिक दलों की बात की जाए तो सभी पार्टियों को कुल मिलाकर 16 हज़ार करोड़ से अधिक का दान मिला है. जिसमें से 80 फीसदी डोनेशन यानी 12842 करोड़ रूपए सिर्फ आठ राष्ट्रीय दलों को मिले हैं. जबकि क्षेत्रीय दलों को 3 हज़ार करोड़ से ज्यादा दान मिला है.
आपको बता दे ADR रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि बीजेपी , जो सभी 89 सीटों पर पहले चरण का चुनाव लड़ रही है, उसके 79 उम्मीदवार या उसके 89 फीसदी उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है.
एडीआर के हवाले से पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रमेश तिलाला, जो राजकोट दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, 175 करोड़ रुपये की कुल घोषित संपत्ति के साथ सबसे अमीर प्रत्याशी हैं.
बता दें कि गुजरात में 182 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने वाला है. पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होंगी वहीं दुसरे की 5 दिसंबर. नतीजों की घोषणा 8 दिसंबर को होने वाली है.