पहला मिशन पूरा कर सोने गया रोवर प्रज्ञान, अगले मिशन के लिए कब खुलेगी नींद; क्या होगा अगला टास्क
चांद की सतह पर तकरीबन दो सप्ताह भ्रमण करने के बाद अब प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर के भीतर जाकर स्लीपिंग मोड में चला गया है। इसरो ने X पर ताजा अपडेट दिया है कि चंद्रयान-3 मिशन के रोवर प्रज्ञान ने पहले चरण में अपना काम पूरा कर लिया है। अब रोवर को सुरक्षित रूप से विक्रम के भीतर चला गया है और स्लीपिंग मोड में डाल दिया गया है। इस वक्त विक्रम और रोवर चांद की सतह पर आराम कर रहे हैं। इसरो ने आगे कहा कि अभी चांद पर शाम का वक्त हो गया है और सूर्य के छिपने के बाद कल (धरती के समय) से रात शुरू हो जाएगी। चांद पर एक रात धरती के 14 दिनों के बराबर होती है। रोवर अब अगले 14 दिन आराम करेगा। अगले 14 दिनों के बाद जब रोवर जागेगा तो उसका अगला मिशन क्या होगा? आइए, जानते हैं…
प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर अपने भ्रमण के दौरान कई तत्वों की खोज की। इसरो के मुताबिक, रोवर की सबसे बड़ी खोज सल्फर है। इसके अलावा अन्य कई तत्वों की भी खोज हुई है। रोवर का अगला काम हाईड्रोजन की तलाश करना है। इसरो ने कहा, “वर्तमान में, रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। सौर पैनल के अनुसार 22 सितंबर 2023 को चांद पर सूर्य उदय अपेक्षित है। इसके बाद रोवर अपना काम फिर शुरू करेगा।”
इसरो ने कहा, “रोवर के नए मिशन के लिए हम एक्साइडेड हैं। उम्मीद है कि यह हमेशा भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेगा।”
रात में क्यों नहीं घूम सकता रोवर
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौसम बहुत प्रतिकूल है। यहां सूर्य की मौजूदगी में तापमान 100 डिग्री से ऊपर चला जाता है। लेकिन, अंधेरा होते ही यहां का तापमान माइनस 280 डिग्री भी पार कर जाता है। ऐसे में रात के वक्त रोवर का चांद पर घूमना खतरनाक हो सकता है। इतनी भयानक ठंड में रोवर की मशीनें काम करना बंद कर सकती हैं। इसलिए इसरो ने चांद पर रात शुरू होने से पहले ही रोवर को विक्रम के भीतर स्लीपिंग मोड में डाल दिया है।
गौरतलब है कि 26 किलोग्राम और छह पहियों वाला प्रज्ञान रोवर सौर ऊर्जा से संचालित है। सूर्य की रोशनी में यह चार्ज होता है और दिन के वक्त अपना काम बखूबी रूप से कर रहा था। रात होने के बाद बैटरी डिस्चार्ज होने का भी खतरा है। इसलिए बैटरी चार्ज करके रोवर को विक्रम के भीतर भेज दिया गया है। इसरो ने कहा कि एपीएक्सएस और एलआईबीएस पेलोड को बंद कर दिया गया है और इन पेलोड से डेटा लैंडर विक्रम के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किया जाता है।
क्या-क्या खोज चुका रोवर
रोवर ने चांद पर एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम और लौह जैसे प्रमुख अपेक्षित तत्वों के अलावा, सल्फर समेत दिलचस्प छोटे तत्वों की उपस्थिति की खोज की है। रोवर पर लगे लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) उपकरण ने दो बार सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि भी की है। अब रोवर का अगला मिशन हाईड्रोजन समेत अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की खोज करना है।