प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा चुने गए संसदीय दल के नेता, चुनाव समिति ने जारी किया नोटिस
नेपाल के प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने बुधवार को संसदीय दल के नेता पद के लिए हुए चुनाव में जीत दर्ज की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.उन्होंने बताया कि देउबा ने अपने निकटकम प्रतिद्वंद्वी एवं पार्टी महासचिव गगन कुमार थापा को 39 वोटों से हराया. अधिकारियों के मुताबिक, मतदान में नेपाली कांग्रेस के सभी 89 सांसदों ने हिस्सा लिया. इसमें 76 वर्षीय देउबा को जहां 64 वोट मिले, वहीं 45 वर्षीय थापा को महज 25 मत हासिल हुए.
संसदीय दल के नेता पद के चुनाव में जीत का मतलब है कि 20 नवंबर को हुए आम चुनाव में नेपाली कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद देउबा संभवत. अगली सरकार का नेतृत्व करेंगे. हाल ही में संपन्न आम चुनाव में नेपाली कांग्रेस ने प्रतिनिधि सभा की कुल 89 सीटों पर दर्ज की है. इनमें से 57 सीटें पार्टी को प्रत्यक्ष मतदान और 32 सीटें आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव प्रणाली के जरिये हासिल हुई हैं.
22 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह
इस बीच, संसदीय सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधि सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह 22 दिसंबर को होगा.275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्यों का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये किया गया था, जबकि बाकी 110 सदस्य आनुपातिक चुनाव प्रणाली के माध्यम से चुने गए थे.
7 दिन में बनानी है नई सरकार
हिमालयी देश में लंबे समय से जारी राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करने के लिए प्रतिनिधि सभा और सात प्रांतीय विधानसभाओं के लिए हाल ही में चुनाव कराए गए थे.आपकों बता दें नेपाल राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने सभी राजनितिक दलों को 7 दिन के अंदर सरकार बनाने की अपील की थी, इसी के बाद से प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने अपनी पार्टी नेपाली कांग्रेस में संसदीय दल के नेता के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था.
आम चुनाव के बाद उभरी नेपाली कांग्रेस
20 नवंबर को हुए नेपाल में हुए चुनाव में नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी 89 सांसद संसदीय दल के नेता पद के चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं. बता दें कि नेपाली कांग्रेस द्वारा प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए.नेपाल में राजशाही के पतन के बाद से ही राजनीतिक अराजकता की स्थिति बनी हुई है. संविधान सभा ने 28 मई, 2008 को पूर्ववर्ती हिमालयी देश नेपाल को संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित किया था.