वृद्धा की हत्या करने के बाद शव को सुनसान स्थान पर फेंकने वाले हत्यारोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
कानपुर। बेहटामुजावर थाना क्षेत्र में वृद्धावस्था पेंशन के 3,500 रुपये निकालकर बैंक से लौट रही वृद्धा को पड़ोसी व उसके साथी ने घर छोड़ने के बहाने बाइक में बिठाकर सुनसान जगह ले जाकर हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में दोनों ने सच बताते हुए पूरी बात पुलिस के सामने रख दी। उन्नाव जिले में गिरफ्तार किए गए हत्यारोपियों ने पुलिस को बताया कि वृद्धा की हत्या करने के बाद शव को सुनसान स्थान पर नहर में फेंका था, लेकिन जल्दबाजी में शव नहर के किनारे ही रह गया। शव को फेंकने के बाद वह दोनों गांव नहीं गए। सुबह यह देखने जा रहे थे कि शव नहर में पानी के बहाव के साथ बह गया या नहीं, लेकिन तभी पुलिस ने घेर लिया।
मोर्चा लेने का प्रयास किया, लेकिन पकड़े गए। सीओ ने बताया कि हत्यारोपी गोविंद ने पूछताछ में बताया कि वृद्धा सुबह 10 बजे बैंक पहुंची थीं। वह लोग भी बैंक पहुंच गए और खाते से रुपये निकालने में मदद की। करीब 11 बजे बैंक से वृद्धा को बाइक में बैठाकर निकले। रास्ते में कई जगह चाय, पानी के बहाने रुके और दोपहर करीब दो बजे सुनसान स्थान पर पहुंचे।
करीब 2:30 बजे रुपये और जेवर लूटने लगे तो वृद्धा ने शोर मचाया। इस पर उसका मुंह और गला दबा दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद शव को लगभग दो किलोमीटर तक बाइक में ही बीच में रखे हुए पुल के पास पहुंचे और नहर में फेंक दिया। इसके बाद जो भी रुपये थे आधे-आधे बांट लिए, एक-एक झुमकी व तोड़िया भी आपस में बंटवारा कर ली।
शक था कि शव पानी में न गिरने से किनारे पर ही फंसा होगा। योजना बनाई कि शौच के बहाने नहर किनारे रुककर शव को धक्का देकर पानी में कर देंगे और शव बह जाने से किसी को पता नहीं चलेगा। हत्यारोपियों के अनुसार दोनों करीब 10 दिन से लूटपाट की योजना बना रहे थे, लेकिन सफल नहीं हो पा रहे थे। बैंक जाते देखा, तो योजना बनाकर घटना को अंजाम दे दिया।
मृतका के पौत्र अंकित रावत ने बताया कि दादी की नजर कमजोर थी, कुछ दिन पहले घर में ही फिसल कर गिर गई थीं, इससे कमर में चोट आई थी। वह इलाज कराने के लिए रुपये निकालने बैंक गई थीं। अंकित ने बताया कि केवल पांच बिसवा जमीन है, वह (अंकित) मजदूरी करता है। बताया कि करीब 10 साल पहले दादी ने 10 बिसवा जमीन पांच लाख रुपये में बेची थी। पिता बेचे लाल और चाचा रतीराम को भी अपना-अपना घर बनाने के लिए भी रुपये दिए थे। दादी पेंशन से ही अपना खर्च चलाती थीं।
वृद्धा से लूटपाट और हत्या करने वाला गोविंद लुधियाना में रहकर मजदूरी करता था। वह एक महीने पहले ही पत्नी और एक बेटे को लेकर गांव आया था। गांव में ही रहने वाले राकेश से उसकी गहरी दोस्ती थी। दोनों शराब के लती भी हैं। रुपये खर्च होने पर वह कभी मजदूरी तो कभी चोरी करके शराब के लिए रुपयों की व्यवस्था करते थे। राकेश की शादी हो चुकी है और एक बेटा व चार बेटियां हैं।
ये है पूरा मामला
बेहटामुजावर थाना क्षेत्र में वृद्धावस्था पेंशन के 3,500 रुपये निकालकर बैंक से लौट रही वृद्धा को पड़ोसी व उसके साथी ने घर छोड़ने के बहाने बाइक में बैठा लिया। रास्ते में चलती बाइक पर गला घोंटकर बैंक से चार किलोमीटर दूर शव को नहर में फेंक दिया। देर रात तक घर न पहुंचने पर पौत्र बहू ने पुलिस को सूचना दी। घटना की जांच कर रही पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
एक आरोपी के पैर में गोली लगी है। बेहटामुजावर थाना क्षेत्र के गांव सचानकोट निवासी कलावती रावत (90) पत्नी प्रसाद सोमवार 30 दिसंबर को गांव से चार किमी दूर अटवावैक गांव स्थित आर्यावर्त ग्रामीण बैंक से पेंशन के रुपये निकालने गई थीं। खाते से 3,500 रुपये निकालने के बाद घर के लिए निकलीं। बैंक के बाहर पड़ोसी युवक गोविंद कठेरिया और इसी गांव निवासी राकेश रावत मिले।
पुलिस के मुताबिक घर छोड़ने के बहाने दोनों ने वृद्धा को बाइक में बैठा लिया। दोनों बांगरमऊ मार्ग की तरफ चल दिए। बाइक में सबसे पीछे बैठे पड़ोसी गोविंद ने रास्ते में वृद्धा के रुपये, चांदी की झुमकी और तोड़िया लूट ली और वृद्धा के विरोध करने पर उसने चलती बाइक में ही उनका गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद बैंक से करीब साढ़े चार किलोमीटर दूर गोसाकुतुब पुल से शव को नहर में फेंककर भाग निकले।
देर शाम तक वृद्धा के घर न पहुंचने पर पौत्र बहू पार्वती पत्नी अंकित दादी सास के साथ ई-रिक्शा से बैंक गई गांव की वृद्धा खिलकोरा से जानकारी ली तो उन्होंने गोविंद और राकेश के साथ बैंक से जाने की जानकारी दी। पार्वती ने रात करीब आठ बजे बेहटामुजावर थाना पहुंचकर पुलिस को गुमशुदगी की सूचना दी और गोविंद व उसके साथी राकेश रावत पर अपहरण व हत्या का शक जताया।
पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू की। सोमवार सुबह 11 बजे गोसाकुतुब नहर मार्ग पर चेकिंग कर रहे एसओ फूल सिंह को दोनों आरोपी बाइक से आते दिखे पुलिस ने रोका, तो खेतों से होकर भागने लगे। घेराबंदी के दौरान गोविंद ने पुलिस पर तमंचे से फायर किया और जवाबी कार्रवाई में गोविंद के बायें पैर में गोली लग गई। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया। घायल को गंजमुरादाबाद सीएचसी में भर्ती कराया गया।