वसूली करने वाले गर्लफ्रेंड-बॉय फ्रेंड गैंग में शामिल दो युवतियों समेत पांच आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा

दिल्ली। हनी ट्रैप में फंसा कर ब्लैकमेल कर वसूली करने वाले गर्लफ्रेंड-बॉय फ्रेंड गैंग में शामिल दो युवतियों समेत पांच आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। गैंग पिछले तीन महीने से सक्रिय था। अब तक 24 से ज्यादा लोगों को फंसाकर लोगों से 25-30 लाख रुपये की वसूली कर चुका है। फोन पर मीठी बातें कर व्हॉट्सएप पर सुंदर तस्वीरें भेजने के बाद मुलाकात का बुलावा देकर आरोपी लाखों रुपये की मांग करते थे। रुपये नहीं देने पर रेप, छेड़छाड़ जैसे केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठते थे।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया, पकड़े गए आरोपियों की पहचान झारखंड निवासी लालू यादव, अंजली, अंकित, ललित और सोनिया के रूप में की गई है। 23 नवंबर को गैंग ने युवक को निशाना बनाया था। युवक ने इंटरनेट पर डेटिंग के वेबसाइट व ऐप पर महिला मित्र की तलाश में अपना नंबर डाला था। इसके बाद युवक के पास इस गैंग में शामिल लड़कियों की तरफ से फोन किया गया।
फिर मिलने के लिए बुलाकर झूठे केस में फंसाने का डर दिखाकर 2.40 लाख रुपये की वसूली की गई थी। आरोपी पीड़ित से 1 लाख रुपये और मांग रहे थे। पैसा नहीं होने पर परेशान होकर युवक ने पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने जांच शुरू की और जिस अकाउंट में उगाही की रकम ली गई थी उसके जरिए आरोपियों तक पहुंची। इस पूरे रैकेट में शामिल अन्य आरोपियों के बारे में पुलिस पता लगा रही है।
ग्रेजुएट है गैंग का मास्टर माइंड लालू
पुलिस के मुताबिक अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि गैंग का मास्टर माइंड लालू यादव है। इतिहास से बीए करने के बाद लालू ने जल्द अमीर बनने के लिए यह रास्ता अपनाया था। मास्टर माइंड और उसके साथ सहमति संबध में रह रही प्रेमिका इस गैंग को चला रहे थे।
इंटरनेट पर महिला मित्र की तलाश करने वालों को बनाते थे शिकार
गैंग की तरफ से इंटरनेट पर मीट रियल गर्ल्स दिल्ली के नाम से सर्च होने वाले लिंक पर डिटेल अपडेट किया गया था। महिला मित्र की तलाश में पोर्टल पर जब लोग अपना माेबाइल नंबर डालते थे तो वह उसपर बात करता था। दोस्ती करवाने के लिए लड़कियों की फोटो दी जाती थी। इसके बाद उससे मिलने के नाम पर रुपये की मांग की जाती थी। लड़की से मिलवाने के लिए 5-10 हजार रुपये लिए जाते थे।
किसी सुनसान स्थान पर टारगेट को मिलने के लिए बुलाया जाता था। फिर मिलने के लिए गैंग में शामिल युवती को भेजा जाता था। पहुंचने के बाद युवती कार में बैठ जाती थी। इस बीच गैंग के दूसरे लोग कार में आ जाते थे। वीडियो बनाकर झूठे रेप केस और छेड़छाड़ में फंसाकर पुलिस से शिकायत करने की धमकी दी जाती थी। बदनामी के डर से लोग उनकी बात मानकर रुपये ट्रांसफर कर देते थे।