अंतर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में बोले- हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन की अहम बैठक में साफ तौर पर कहा है कि हम एससीओ में आपसी सहयोग को बढ़ाना चाहते हैं। इसके साथ उन्होंने कहा कि भारत में फिलहाल 70 हजार से ज्यादा स्टार्ट आप आए हैं। भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कोशिश जारी है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि फिलहाल पूरी दुनिया खाद्य संकट का सामना कर रही है। इससे हम सबको बाहर आना है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया कोरोना महामारी पर काबू पा रही है। कोविड और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधान उत्पन्न हुए। हम भारत को एक विनिर्माण केंद्र में बदलना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि हमारी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। मोदी ने एससीओ की भी भूमिका को काफी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह आपसे सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के पक्ष में है। मोदी ने यह भी कहा कि भारत तकनीक पर पूरा जोर दे रहा है। भारत मेडिकल टूरिज्म का भी हक बनता जा रहा है। एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम हर क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं। आज हमारे देश में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।

मोदी ने कहा कि एससीओ के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी एससी देशों में निवास करती है। भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2022 में, WHO ने गुजरात में अपने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। डब्ल्यूएचओ द्वारा पारंपरिक उपचार के लिए यह पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र था। भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करेगा। इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, व्यापार और संपर्क, संस्कृति और पर्यटन सहित सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एससीओ सदस्य देशों के नेताओं के साथ शामिल हुए।

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