मुजफ्फरनगर में प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए आईं छात्राओं के यौन उत्पीड़न मामले में स्कूल संचालकों में एक गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर : जिले में दो प्राइवेट स्कूल के मैनेजरों पर 17 लड़कियों को कथित रूप से नशीला पदार्थ पिलाकर यौन उत्पीड़न (Molestation) करने तथा बलात्कार की कोशिश (Rape Attempt) करने का आरोप लगा है. पुलिस ने इस मामले में दोनों लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
बताया जाता है कि सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि पुरकाजी थाना क्षेत्र और भोपा थाना क्षेत्र स्थित दो प्राइवेट स्कूलों के संचालकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, नशीला पदार्थ देने और पोक्सो एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.
आरोप है कि यह घटना 18 नवंबर को उस समय हुई, जब मैनेजर एक स्कूल में पढ़ने वाली 17 लड़कियों को प्रायोगिक परीक्षा दिलाने के लिए दूसरे स्कूल में लेकर गए थे. यहां छात्राओं को रातभर रुकना पड़ा. पीड़िताओं के परिजनों की शिकायत के अनुसार, दोनों आरोपी मैनेजरों ने नाबालिग लड़कियों को कथित रूप से नशीला पदार्थ पिलाकर उनका यौन उत्पीड़न किया और बलात्कार करने की कोशिश की.
एक छात्रा के अभिभावक ने रिपोर्ट में बताया कि आरोपी मैनेजर छात्राओं को प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के बहाने से लेकर गया था. देर हो जाने का बहाना बनाकर स्कूल में रोक लिया और दूर-दूर से आई छात्राओं को रात में नशीला पदार्थ मिलाकर खिचड़ी खिलाई. उनकी हालत बेहद खराब होते ही दोनों आरोपियों ने छेड़छाड़ की उन्हें. डराया परीक्षा में फेल करने की धमकी भी दी. साथ ही हत्या करने की भी धमकी दी. इससे डर छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया था. सोमवार को बीजेपी विधायक प्रमोद ऊंटवाल की शिकायत पुलिस सक्रिय हुई और पुलिस की 5 टीमों का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है.
बाल कल्याण समिति ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए छात्राओं से मिलकर बयान दर्ज कराया गया. छात्राओं ने बताया कि स्कूल में महिला शिक्षक ही नहीं हैं और एक छात्रा ने शौचालय में रात गुजारी और संचालकों द्वारा बनाई गई खिचड़ी को फेंक दिया था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया एक आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों स्कूलों की मान्यता की जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि सोमवार को शिक्षकों की टीम स्कूलों में भेजी गई, लेकिन यहां पर ताला लटका मिला.
ऐसे में 17 दिन तक पुलिस की चुप्पी पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. एक स्कूल संचालक को थाने में बुलाकर पूछताछ भी की गई. बाद में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. इसमें एक पत्रकार पर झूठे आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला फर्जी है. विधायक प्रमोद ऊंटवाल की शिकायत पर पुलिस सोमवार को दौड़ती नजर आई थी. एक आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा. पुलिस के ढीले रवैया से ग्रामीणों और आसपास के लोगों में रोष है.
मुजफ्फरनगर जिले के दो प्राइवेट स्कूलों के मैनेजरों के ऊपर यौन शोषण करने का आरोप बीते सोमवार को छात्राओं के परिजनों ने लगाया था. इस पूरे मामले पर महिला आयोग सख्ती से पेश आ रही हैं. ईटीवी भारत द्वारा मामले को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह के संज्ञान में लाया गया. उन्होंने जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.