बिजली विभाग के इंजीनियर से सवा लाख की ठगी, साइबर जालसाजों ने ऐसे बनाया शिकार
ग्रेटर नोएडा : ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आप अगर अलर्ट रहें तो ठगी से बच सकते हैं। साथ ही अगर आपसे ऑनलाइन फ्रॉड हो भी गया है तो सबसे पहले इस बारे में साइबर सेल को सूचित करें। इससे आपके पैसे तुरंत मिलने के चांस काफी बढ़ जाते हैं। फरवरी में साइबर सेल गौतमबुद्ध नगर ने ऐसे ही 5 लोगों के पैसे रिफंड करवाए जिन्होंने ठगी के तुरंत बाद इसकी जानकारी उन्हें दे दी। सूचना मिलने पर सेल की टीम ने पूरी डिटेल्स चेक की और पता लगाया कि इनके पैसे किस खाते या फिर आईडी पर ट्रांसफर किए गए हैं। ये पता चलते ही उस बैंक या फिर ई-साइट को अलर्ट मेसेज भेजा। इसके बाद वहां से वो रकम ब्लॉक कर दी गई और कुछ समय में पीड़ितों के खाते में वापस आ गई।साइबर सेल ने ऐसी घटनाओं से बचने के लिए गाइडलाइन भी जारी की है। लोगों से अपील की गई है कि मोबाइल पर किसी भी तरह के लिंक ओर तमाम तरह के लुभावने ऑफर के मेसेज पर क्लिक न करें। गौतमबुद्ध नगर के साइबर सेल ने फरवरी 2022 में ऑनलाइन साइबर फ्रॉड का शिकार हुए पीड़ित व्यक्तियों के 1 लाख 50 हजार 455 रुपये वापस कराए हैं।
इनको मिले पैसे वापस
21 फरवरी: सेक्टर 63 नोएडा के इमरान से ठगों ने डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर उनके खाते से ऑनलाइन 17292 रुपये निकाल लिए थे। साइबर सेल ने इनकी पूरी धनराशि वापस कराई।
21 फरवरी: मोहम्मद इरशाद निवासी कुलेसरा से भी जानकारी लेकर उनके खाते को खाली कर दिया गया था। सेल टीम ने 38988 रिफंड कराए है।
17 फरवरी: शंयाक त्यागी निवासी सेक्टर 108 नोएडा से भी ठगों ने कार्ड की जानकारी हासिल करके ऑनलाइन धनराशि निकाल ली। साइबर सेल ने पीड़ित के 36 हजार रिफंड कराए हैं।
18 फरवरी: सेक्टर 10 नोएडा के रहने वाले अजय कुमार के खाते से ठगों ने ऑनलाइन 10175 रुपये निकाल लिए थे। इनको भी वापस कराया गया।
8 फरवरी: म्यू टू ग्रेटर नोएडा के रहने वाले रोहन कुमार के खाते से भी साइबर ठगों ने रुपये निकाल लिए थे। साइबर सेल ने 48000 रुपये रिफंड कराए है।
इन बातों का रखें ध्यान तो बचेगा धन
- किसी भी गैर-परिचित व्यक्ति से अपनी बैंक से संबंधित जानकारी शेयर न करें।
- डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड की गोपनीय जानकारी कभी किसी को शेयर ना करें जैसे- कार्ड पर लिखे 16 डिजिट नंबर कार्ड का सीवीवी ओर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर प्राप्त होने वाली ओटीपी आदि।
- हमेशा याद रखें कि किसी को यदि आपको पैसे भेजने हैं तो केवल अकाउंट नंबर की आवश्यकता होती है।
- कभी भी अपना यूपीआई पिन किसी क्यूआर कोड को स्कैन कर ना भरें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर किसी भी एप्लीकेशन को अपने फोन में इंस्टॉल ना करें। प्ले स्टोर पर कई ऐप हैं जिनका प्रयोग आपके फोन, डेस्क्टॉप आदि को रिमोट पर लेकर चलाने के लिए किया जाता है।
- प्ले स्टोर पर अनेक क्विक लोन देने वाली एप्लीकेशन उपलब्ध हैं। कृपया कर ऐसी किसी भी एप्लीकेशन को अपने फोन अथवा लैपटॉप या अन्य कहीं भी डाउनलोड ना करें। यह एप्लीकेशन आपके फोन का एक्सेस प्राप्त कर आप की गोपनीय जानकारी को लेकर आप को ब्लैकमेल कर सकते हैं।
50 से ज्यादा शिकायतें आती हैं
साइबर सेल के एक्सपर्ट राकेश शर्मा ने बताया कि 1 महीने में साइबर सेल में 50 से अधिक साइबर ठगी की शिकायतें आती हैं। हालांकि उन्हीं मामलों में पैसे एकदम मिल जाते हैं जो ठगी का शिकार होने के तुरंत बाद सूचना साइबर सेल ऑफिस में दे पाते हैं। फरवरी महीने में 5 साइबर ठगी के मामलों में रिफंड कराया है। जो भी रकम वापस पीड़ित के खाते में आई है वह तुरंत शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने के कारण ही हो सकी है।
ओटीपी नंबर शेयर किया बैंक जिम्मेदारी नहीं लेगा
राकेश शर्मा ने बताया कि जैसे ही आपको लगे कि आपके अकाउंट से पैसे निकाले गए हैं, तुरंत साइबर क्राइम को इसकी जानकारी दें। गलत ट्रांजैक्शन समय रहते ब्लॉक किया जा सकता है। एक बात का ध्यान रहे कि अगर आपने गलती से खुद ओटीपी नंबर किसी के साथ शेयर किया है, तो निकाले गए रकम की जिम्मेदारी बैंक नहीं लेता है। इसके अलावा अगर एटीएम कार्ड हैक करके किसी ने पैसे निकाले हैं तो तुरंत पैसे वापस मिल सकते हैं।