ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा के प्लास्टिक कचरे से बिजली बनाएगा एनटीपीसी

-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व एनटीपीसी ने किया अनुबंध

-प्रति दिन 20 टन प्लास्टिक खरीदेगा एनटीपीसी ग्रेनो

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के प्लास्टिक वेस्ट के लिए एक बड़ा खरीदार एनटीपीसी के रूप में मिल गया है। एनटीपीसी प्रतिदिन 20 टन प्लास्टिक कूड़े को खरीदेगा। उससे ईंधन तैयार करेगा, जिसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन में किया जाएगा। इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी आमदनी होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी के बीच बृहस्पतिवार को इसका करार हुआ है।
ग्रेटर नोएडा का रेमिडिएशन प्लांट लखनावली में बना हुआ है। जहां कूड़े को सेग्रिगेट किया जाता है। इसमें 50 फीसदी घरेलू कूड़ा होता है, जिससे खाद बन जाती है। 25 फीसदी कूड़े को प्रोसेस कर मिट्टी में कनवर्ट कर दिया जाता है, जिसका इस्तेमाल रोड या गड्ढों की भराई में कर लिया जाता है। शेष 25 फीसदी कूड़ा प्लास्टिक वेस्ट होता है। प्राधिकरण को इसे री-साइकिल करने वाले बड़े खरीदार की तलाश थी, जिसे अब एनटीपीसी ने पूरा कर दिया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण की पहल पर सूरजपुर के पास स्थित एनटीपीसी का रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर करीब 20 टन प्लास्टिक वेस्ट प्रतिदिन खरीदने को तैयार हो गया है। एनटीपीसी ग्रेटर नोएडा के लखनावली स्थित रेमेडिएशन प्लांट से पृथक हुए प्लास्टिक को अपने सेंटर लाएगा और उसे प्रोसेस करके फ्यूल में तब्दील कर लेगा, जिसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन में किया जाएगा। बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीजीएम सलिल यादव, प्रबंधक वैभव नागर व जितेंद्र यादव, अर्नेस्ट एंड यंग से निकिता नंदा व उनकी टीम और एनटीपीसी से शास्वतम, सुजॉय कुमार, राजीव सत्यकाम, अजय कुमार समेत कई अधिकारियों की मौजूदगी में अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए। एनटीपीसी से शास्वतम ने बताया कि एनटीपीसी इस प्लास्टिक वेस्ट से फ्यूल तैयार करेगा, जिसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन में लगे इंजनों में किया जाएगा। इस बिजली से एनटीपीसी का ग्रेटर नोएडा स्थित रिचर्स एंड डेवलपमेंट सेंटर रोशन होगा। उन्होंने बताया कि इस वेस्ट से रोजाना करीब 400 किलोवाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। इस मौके पर डीजीएम सलिल यादव ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट से ईंधन बनाने की यह पहल पर्यावरण के लिए बहुत हितकारी है। प्लास्टिक से वायु और जल दोनों ही प्रदूषित होता है। अगर मवेशी खा लेते हैं तो उनके भी जान पर बन आती है। इस समस्या से अब निजात मिल जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ दीपचंद्र ने ग्रेटर नोएडावासियों से प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करने की अपील की है।

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