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Reserve Bank of India का फैसला: बाजार में नहीं आएंगे 2000 रुपये के नए नोट, छपाई भी बंद होगी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी यह आदेश देश के आम लोगों के बहुत काम की है. दरअसल 2000 के नोट को आरबीआई अब सर्कुलेशन से वापस लेने वाला है और इसको लेकर सूचना भी जारी कर दी गई है. हालांकि अभी जिनके पास ये नोट मौजूद हैं वह अमान्य नहीं होंगे. बता दें कि नोटबंदी के बाद 2 हजार का नोट नवंबर 2016 में बाजार में उतारा गया था.

बता दें कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था तब 500 और 1000 के नोट को बंद करने का फैसला लिया गया था और इसके स्थान पर लीगल टेंडर के रूप में 2000 और 500 के नए नोट जारी किए गए थे. बता दें कि RBI की तरफ से 2000 के नए नोटों की छपाई 2019 से ही बंद कर दी गई थी.

भारतीय रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2017 और मार्च 2022 के अंत तक ₹500 और ₹2000 के बैंक नोटों का कुल मूल्य 9.512 लाख करोड़ और ₹27.057 लाख करोड़ था. लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 मार्च, 2023 को यह जवाब दिया था.

सरकार ने राज्यसभा को बताया था कि 2018-19 से 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई के लिए प्रेस को कोई डिमांड नहीं भेजी गई है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 2,000 के नोटों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, आरबीआई के अनुसार, 2018-19 से 2000 रुपये के बैंक नोटों की छपाई के लिए कोई नया डिमांड प्रेस को नहीं भेजा गया था.

मार्केट सर्कुलेशन में कुल नोटों में से 2000 रुपये के बैंक नोटों की हिस्सेदारी 2020 में 22.65 प्रतिशत से घटकर मार्च 2022 तक 13.8 प्रतिशत हो गई है. 2020 और 2022 के बीच 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 29.7 प्रतिशत से बढ़कर 73.3 प्रतिशत हो गई है.

एक आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ है कि 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान 2,000 रुपये के नए नोट नहीं छापे गए. आरटीआई में खुलासा हुआ है कि भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रान लिमिटेड ने 2016-17 में 2,000 रुपये के 3,542,991 मिलियन नोट छापे, जो 2017-18 में 111,507 मिलियन तक आ गया और 2018-19 में यह 46.690 मिलियन तक आ गया.

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