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पड़ोसी का निकला दिवाला! पाकिस्तान में महंगाई ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, श्रीलंका से भी बुरा हाल, अब IMF ही है अंतिम सहारा

भारत में हम भले की जरूरी वस्तुओं की महंगाई से परेशान हों लेकिन यदि आप पाकिस्तान (Pakistan) की ओर मुड़ कर देखें तो वाकई आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे। भारत में महंगाई (India Inflation rate) की दर 5 फीसदी से नीचे आ गई है, लेकिन गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई (Inflation in Pakistan) दर 40 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान (Pakistan Econoic Crisis) की वार्षिक महंगाई मई में साल-दर-साल आधार पर रिकॉर्ड 37.97 प्रतिशत पहुंच गई है।

​​​​​​​पाकिस्तान पर बढ़ा दीवालिया होने का खतरा

पाकिस्तान, इस समय आजादी के बाद के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान का राजनीतिक संकट तो जगजाहिर है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर मिल रही चुनौतियां सरकार के लिए गले की हड्डी बन चुकी हैं। पाकिस्तान विदेशी कर्ज से गले तक डूबा हुआ है, वहीं उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी अब नाम मात्र का बचा है। कई विदेशी कर्ज की ब्याज की किस्तें जून में मेच्योर हो रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान को यदि जल्द कोई मदद न मिली तो उस पर डिफॉल्ट होने का भी पूरा खतरा है।

जरूरी चीजों की महंगाई से बेदम हुई जनता 

पाकिस्तान के ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मादक पेय और तंबाकू की श्रेणियों में महंगाई की दर 123.96 प्रतिशत है, वहीं मनोरंजन और संस्कृति पर 72.17 प्रतिशत और परिवहन में 52.92 प्रतिशत दर्ज की गई थी। खाद्य समूह में, जिन वस्तुओं की कीमतें पिछले साल की तुलना में मई में सबसे अधिक बढ़ी थीं, वे सिगरेट, आलू, गेहूं का आटा, चाय, गेहूं और अंडे और चावल थे। गैर-खाद्य श्रेणी में, जिन वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, इसमें पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, मोटर ईंधन, साबुन धोने, डिटर्जेंट और माचिस शामिल हैं।

अप्रैल में 36 प्र​तिशत थी महंगाई दर 

इससे पहले, साल-दर-साल मुद्रास्फीति का उच्चतम प्रतिशत अप्रैल में 36.4 प्रतिशत दर्ज किया गया था। सीपीआई में ताजा बढ़ोत्तरी के साथ, औसत मुद्रास्फीति 11 महीनों (जुलाई से मई) में इस वित्तीय वर्ष में 29.16 प्रतिशत तक पहुंच गई है। पाकिस्तान को आ​ईएमएफ से मदद की उम्मीद थी, लेकिन उसकी कठिन शर्तें न मानने के चलते वहां से भी मदद नहीं मिल पाई है। इसके अलावा पाकिस्तान के पुराने दोस्तों की ओर से भी अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है।

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