अपराधउत्तर प्रदेश

तीन बिस्वा जमीन पर पड़ोसी ने बुजुर्ग महिला का सिर कूंचकर की हत्या, रिपोर्ट दर्ज

कानपुर। तीन बिस्वा जमीन व घर के लालच में पड़ोसी ने अकेले रह रही बुजुर्ग महिला की सिर कूंचकर हत्या कर दी और फरार हो गया। रविवार तड़के ग्रामीणों ने घर में शव पड़ा देख पुलिस व मृतका की बेटी को सूचना दी। बुजुर्ग महिला अकेले रहती थी। पड़ोसी उसकी देखभाल करता था। दामाद ने पड़ोसी पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला का जबड़ा, माथा व सिर की हड्डियां टूटी मिलीं हैं। सिर पर भारी वस्तु से वार करने से महिला की मौत हुई है।
बरवां रसूलपुर निवासी भूरी देवी (80) के पति गयदीन की वर्ष 1983 में मौत हो गई थी। इकलौती बेटी रूपरानी की शादी औरैया के दिबियापुर थाना के दहगांव निवासी कन्हैयालाल के साथ हुई थी। तभी से बुजुर्ग महिला गांव में अकेली रहकर तीन बिस्वा खेती के सहारे जीवन यापन कर रही थी। रविवार सुबह वृद्धा का शव खून से लथपथ घर में पड़ा मिलने पर चौकीदार रामखिलावन ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। एएसपी राजेश पांडेय, सीओ भोगनीपुर देवेंद्र सिंह, थानाध्यक्ष कालीचरण ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल की जांच पड़ताल कर फॉरेंसिक टीम की मदद से साक्ष्य जुटाए। जानकारी पर आई मृतका की बेटी रूपरानी, नाती रजनीश व दामाद कन्हैयालाल शव देखकर बिलखने लगे।
दामाद कन्हैयालाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि पड़ोसी विजय बहादुर उर्फ तिलकधारी का सास के घर पर आना जाना था। कुछ दिन पहले विजय बहादुर ने सास से जमीन व घर की वसीयत उसके नाम करने को कहा था। इस पर सास ने इन्कार करने पर आरोपी ने धमकी दी थी। आरोप लगाया कि शनिवार रात को विजय बहादुर ने उसकी सास भूरी देवी की कमरे में हत्या कर दी। इसके बाद फरार हो गया। थानाध्यक्ष कालीचरण ने बताया कि दामाद की तहरीर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
वृद्धा की घर में सिर कूंचकर हत्या करने की घटना को लेकर ग्रामीणों को भनक भी नहीं लगी। ग्रामीणों ने बताया कि वृद्धा का घर गांव में एक छोर पर बना है। उसका एक दरवाजा गांव की ओर खुलता है। जबकि दूसरा दरवाजा खेतों की ओर खुलता है। सुबह जब महिला का रक्तरंजित शव घर में पड़ा मिला तब खेतों की ओर वाला दरवाजा खुला हुआ था।
ग्रामीणों ने बताया कि बुजुर्ग भूरी देवी की देखरेख हत्यारोपी विजय बहादुर ही करता था। वह उसके घर का सामान लाने व अन्य कामों को भी देखता था।

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