एनआइए की विशेष अदालत में पेश हुए मंत्री असीम अरुण, हत्या व आतंकी वारदात मामले में दर्ज हुए बयान
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में राज् य मंत्री (स् वतंत्र प्रभार) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी असीम अरुण सोमवार को 2017 में एक कथित आतंकवादी के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने से संबंधित मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए।
समय की कमी के कारण उनका बयान पूरा नहीं हुआ, इसलिए अदालत ने उनको मंगलवार को फिर बुलाया है।
घटना के समय असीम अरुण उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के महानिरीक्षक (आईजी) थे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अपर पुलिस महानिदेशक स् तर के अधिकारी अरुण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर चुनाव लड़ा और विधायक बनने के बाद उनको मुख् यमंत्री योगी आदित् यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
अभियोजन के अनुरोध पर एनआईए के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा ने असीम अरुण की गवाही पूरी करने के लिए अरुण को मंगलवार की सुबह अदालत में बुलाया है।
इससे पहले आरोपी फैजल और आतिफ के वकील ने मामले में अरुण से जिरह की।
गौरतलब है कि एटीएस ने 7/8 मार्च, 2017 को लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में एक घर पर छापा मारा था और उज्जैन ट्रेन विस्फोट मामले में शामिल एक आतंकवादी सैफुल्ला को मार गिराया था। एटीएस ने घर से कई गोला-बारूद और हथियार बरामद किए थे। जांच के दौरान, एटीएस ने पाया कि हथियारों का इस्तेमाल एक शिक्षक की हत्या में किया गया था। बाद में एटीएस ने इस मामले में फैजल और आतिफ के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। अदालत ने मामले में अरुण को गवाह के तौर पर पेश होने के लिए तलब किया।