राष्ट्रीय

मद्रास हाई कोर्ट की दो टूक, जलाशयों पर अतिक्रमण के कारण आते हैं सुनामी और भूकंप

भारत में कुछ सालों से भूकंप और सुनामी की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसको लेकर विशेषज्ञ भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। वहीं शनिवार को मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि जलाशयों की रक्षा करने के बजाय लोग उन पर अतिक्रमण करते हैं जिसके कारण ही सुनामी, भूकंप आते हैं।

मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति एन माला कीपीठ ने कथित अतिक्रमणकारियों की जनहित याचिकाओं को खारिज करते हुए अवलोकन किया। जिन्होंने संबंधित अधिकारियों से नोटिस को चुनौती दी थी और उन्हें इस संबंध में पट्टा (भूमि विलेख) जारी करने का निर्देश देने की प्रार्थना की थी। मामला तिरुवल्लुर जिले में एक भूमि से जुड़ा है।

अतिक्रमणकारियों को अधिकारियों से प्राप्त नोटिसों को मुख्य रूप से इस आधार पर चुनौती दी गई है कि फॉर्म-II में नोटिस जारी किए बिना फॉर्म-III में नोटिस दिए गए थे। वहीं याचिकाकर्ताओं ने पानी की टंकी की भूमि पर अतिक्रमण किया था।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अदालत द्वारा सुनवाई का अवसर दिए जाने के बावजूद विवादित भूमि पर अपने किसी अधिकार का हवाला नहीं दे सके। पीठ ने कहा कि इसलिए, हम मानते हैं कि याचिकाकर्ताओं ने यहां दिए गए फॉर्म- III में नोटिस में हस्तक्षेप का मामला नहीं बनाया है। पीठ ने याचिकाओं को खारिज कर दिया।

हम प्रकृति का ध्यान रखते हैं तो प्रकृति हमारा ख्याल रखेगी

कोर्ट में सख्त टिप्पणी की कि इस मामले से अलग होने से पहले, यह देखना आवश्यक है कि यदि जल निकायों और टैंकों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण को नियमित किया जाता है, तो इससे अतिक्रमण को बढ़ावा मिलेगा और अंतिम परिणाम सूखे और इसके विपरीत बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। यदि हम प्रकृति का ध्यान रखते हैं तो प्रकृति हमारा ख्याल रखेगी। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या केवल प्रकृति की देखभाल करने में मनुष्य की विफलता के कारण है।

 भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं

पीठ ने कहा कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह जलाशयों, तालाबों, चरागाहों और यहां तक कि जंगलों को भी बनाए रखें। अगर हम प्रकृति को प्रभावित करते रहेंगे, तो यह मानव को प्रभावित करेगी, दिन-प्रतिदिन सुनामी, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights