ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआरनोएडा

जानिए नोएडा ट्विन टावर के विध्वंस के समय कौन हैं वो सात जांबाज जो खड़े थे बिल्डिंग के सबसे करीब

रविवार को जब नोएडा में रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक के जुड़वां टावरों को ध्वस्त कर दिया गया था। भवन कानूनों के उल्लंघन पर लगभग एक दशक से चली आ रही लड़ाई को समाप्त करने के लिए नौ सेकंड में नीचे लाया गया। लोगों और वाहनों को बाहर रखने के लिए 500 मीटर का एक एक्सक्लूजन जोन बनाया गया था। सुरक्षा चिंताओं के बीच अनाधिकृत व्यक्तियों को बाहर रखने का प्लान था। टावरों से दसियों हज़ार किलोग्राम मलबा और चट्टान नीचे गिरे। इस दौरान सात लोग ट्विन टावर के सबसे करीब थे।

कौन थे वो सात लोग ?

सभी सात विस्फोट टीम का हिस्सा थे और एक्सक्लूजन जोन के अंदर तैनात थे। इन सात लोगों में एडिफिस इंजीनियरिंग के एक अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्हें विस्फोट के लिए बटन दबाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सात लोगों में चेतन दत्ता (जिन्होंने सावधानी से रखे गए 3,700 किलोग्राम विस्फोटक को विस्फोट किया), परियोजना प्रबंधक मयूर मेहता और पुलिस उपायुक्त राजेश एस भी मौजूद थे।

दक्षिण अफ्रीका से थे चार लोग

अन्य चार दक्षिण अफ्रीका स्थित जेट डिमोलिशन-एडिफिस के विदेशी साझेदार और विध्वंस को अंजाम देने वाली फर्म के सदस्य थे, जिनके नाम ब्रिंकमैन, मार्थिनस बोथा, केविन स्मिट और इयान एहलर्स हैं।  दो कर्मचारियों ने इस योजना को तैयार करने और निष्पादित करने के लिए महीनों तक काम किया, जिससे आस-पास के घरों को नुकसान से बचाया जा सका।

आखिरी आदेश रविवार दोपहर 12.30 बजे दिया गया और दोपहर 2.30 बजे के बाद डेटोनेटर को दबाया गया जिसके बाद जुड़वां टावर भरभराकर गिर गए। धीरे-धीरे पूरे इलाके में धूल के बादल छा गए।

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