
साल 2015 की गुमशुदगी से जुड़ी गुत्थी एक नए अपराध से खुली, आरोपी गिरफ्तार
नोएडा। साल 2015 में गायब हुआ एक सात साल का बच्चा करीब 10 साल बाद अपने परिवार से दोबारा मिल गया है। पुलिस ने हाल ही में एक अपहरण के मामले में जब आरोपी को पकड़ा, तो उसके साथ रह रहे एक किशोर की पहचान करते हुए यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। यह वही बच्चा था जिसे सालों पहले अगवा कर अपने साथ रख लिया गया था — और अब वही युवक अपने ‘अपहरणकर्ता’ को बेकसूर बताने थाने पहुंचा था।
हिमांशु नाम का यह बच्चा 6 नवंबर 2015 को फेज-2 थाना क्षेत्र के गेझा गांव से लापता हो गया था। उस दिन वह स्कूल से लौटते समय मंदिर के पास लगे एक मेले में चला गया और फिर कभी घर नहीं लौटा। परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन जब लंबे समय तक कोई सुराग नहीं मिला तो केस को बंद कर दिया गया। निराश माता-पिता नोएडा छोड़कर मैनपुरी लौट गए थे।
हाल ही में फरीदाबाद के सूरजकुंड इलाके से एक और सात वर्षीय बच्चे के अपहरण की जांच कर रही पुलिस ने आरोपी मंगलदास को लखनऊ के पास से गिरफ्तार किया। इसी दौरान एक 17 वर्षीय लड़का थाने पहुंचा और आरोपी को अपना पिता बताते हुए उसे निर्दोष बताने लगा। इससे पुलिस को शक हुआ।
जांच में पता चला कि आरोपी मंगलदास ने हिमांशु को 10 साल पहले अगवा कर दिल्ली-बदरपुर क्षेत्र में अपने साथ रखा था। उसने बच्चे को नाम से पहचान दिलाई, पर पढ़ाई-लिखाई या बेहतर भविष्य नहीं दिया। हिमांशु फिलहाल ई-रिक्शा चला रहा था।
आरोपी की पत्नी की वर्षों पहले मौत हो चुकी थी और वह बच्चों को “बुढ़ापे का सहारा” बनाने के इरादे से उठा रहा था। पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया कि वह हिमांशु को अपने बेटे की तरह पालने का नाटक कर रहा था।
हिमांशु अब अपने असली माता-पिता के पास लौट चुका है, जिन्हें एक दशक बाद अपने बेटे की वापसी का सुखद अनुभव मिला है। हालांकि उस समय को कोई वापस नहीं ला सकता जो इस बच्चे के बचपन से छीन लिया गया, लेकिन उसकी वापसी एक बड़ी राहत और न्याय की जीत है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पुराने और नए दोनों अपहरण मामलों में सख्त धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। यह मामला बताता है कि कई बार न्याय देर से ही सही, लेकिन मिल ही जाता है।