किडनी की बीमारी कर सकती है आपकी आखों को प्रभावित, जानें कैसे रखें ख्याल
नई दिल्लीI किडनी की बीमारियां आपकी आंखों को भी प्रभावित कर सकती हैं इसलिए नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना जरूरी है। कुछ नेत्र रोगों में प्रारंभिक अवस्था में लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। आंखों की स्थिति का पता लगाने का एकमात्र तरीका आंखों की नियमित जांच है, जो आंखों की समस्याओं का जल्द पता लगाने में और रोशनी कम होने जैसी आगे की समस्याओं से बचने में मदद करती है।
एएसजी आई हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर और कंसल्टेंट, डॉ गणेश पिल्लई का कहना है कि, “क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के रोगियों में आंखों की समस्याएं और नेत्रहीनता सात गुना ज्यादा होती है, इसकी मुख्य वजह है कि सीकेडी विकसित करने वाले रोगियों में आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक अनियंत्रित या खराब नियंत्रित प्रणालीगत स्थितियां होती हैं, जो उन्हें कई नेत्र रोगों जैसे एएमडी, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, आई स्ट्रोक का शिकार बना सकती हैं। इसलिए, किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से नियमित जांच कराते रहें और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर आहार और नियमित शारीरिक व्यायाम जैसे वॉक और योग करना महत्वपूर्ण है।”
लक्षण और सिंड्रोम
नेत्र रोग के लिए चेतावनी वाले संकेतों को समझना महत्वपूर्ण है। अगर आपको किडनी की बीमारी है, तो आपके नेत्रहीन होने का खतरा बढ़ जाता है। तो अगर आप में नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आएं, तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं।
– चमकती रोशनी
– देखने में अचानक बदलाव आना, जिसमें धुंधली दृष्टि या दृष्टि हानि शामिल है।
– आंखों के सामने अचानक कुछ तैरने हुआ प्रतीत होना
इन चीज़ों का भी रखें ध्यान
हाई ब्लड प्रेशर और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करें
उच्च रक्तचाप और डायबिटीज, किडनी की बीमारी के साथ-साथ चल सकते हैं। ब्लड ग्लूकोज के उच्च स्तर के रूप में, क्रॉनिक हाई ब्लड प्रेशर आपकी आंखों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए इन दोनों को कंट्रोल में रखें। अपने डॉक्टर से जान लें कि शरीर में इसका कितना लेवल रहना सही है और कितना खतरनाक।
धूम्रपान बंद कर दें
धूम्रपान किडनी और दृष्टि दोनों के लिए हानिकारक है। इससे ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी आंख की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे कई प्रोडक्ट और उपकरण हैं जो धूम्रपान छोड़ने के प्रभावी तरीके प्रदान करते हैं, जिसमें निकोटिन रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट और दवाएं शामिल हैं।
आहार, व्यायाम और दवा का सख्ती से पालन करें
क्रॉनिक किडनी रोग में रोग की गंभीरता या अवस्था के आधार पर कई प्रकार के उपचार शामिल हो सकते हैं। उपचार में दवा, जीवनशैली में बदलाव शामिल हो सकते हैं। अपनी उपचार योजना के संबंध में अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना जरूरी है। किडनी की बीमारी और किडनी फेलियर इस बात पर प्रभाव डाल सकता है कि आपके शरीर में दवाएं कैसे काम करती हैं, इसलिये खराब किडनी वाले लोगों या डायलिसिस पर रह रहे लोगों के लिये कई दवाओं का एक खास डोज देना पड़ता है।