उत्तर प्रदेशराज्य

पवित्र ग्रंथ संविधान की रक्षा करना हर भारतीय का मौलिक अधिकार : विनोद इलाहाबादी

हमारा संविधान किसी से भेदभाव नही करता : विनोद इलाहाबादी

हम सभी आज संकल्प ले की हर हाल में चाहें हमें कोई भी कुर्बानी देनी पड़े हम संविधान की हमेशा रक्षा करेंगे : विनोद इलाहाबादी

तुम्हारी हर तकलीफों का में एक मुकम्मल जवाब हूँ, कभी वक्त मिले तो पढ़ना में भारत का संविधान हूँ : विनोद इलाहाबादी

आगरा। संविधान दिवस पर आज नगर निगम परिसर में नगर निगम के मुखिया श्निखिल टीकाराम फुंडे की अनुपस्थित में अपर नगर सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शपथ दिलाई तथा सभी को संविधान दिवस की बधाई और शुभकामना दी।

शपथ दिलाने से पूर्व संविधान निर्माता बाबा सहाब डाक्टर भीम राव रामजी अम्वेडकर जी की विशाल प्रतिमा एवं रामायण रचयिता भगवान वाल्मीकि जी की पर अपर नगर आयुक्त सुरेन्द्र प्रसाद यादव महसंघ के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद इलाहाबादी, चौधरी सपन सिंह, हरीबाबू वाल्मीकि आदि ने सबसे पहले माल्यापर्ण किया। सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने शपथ दिलाने के बाद सभी कर्मचारियों को बताया की आज पूरा देश संविधान दिवस मना रहा है। आज के ही दिन 73 वर्ष पूर्व संविधान सभा ने इसको पारित किया था। भारत सरकार ने आज के दिन सभी नागरिकों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ने को कहा है ताकि हर भारतीय इसे समझ सके। आइए जानते हैं हमारे संविधान की 10 ऐसी बातें जो हर भारतीय को जरूर जाननी चाहिए। साथ ही जानिए अपने मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक तत्वों के बारे में, संविधान बनाने के लिए संविधान सभा बनाई गई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसके स्थाई अध्यक्ष थे। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बैठकें की गयी।

भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा संविधान है। इसमें 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। ये 22 भागों में विभाजित है। संविधान में साफ लिखा है कि देश का कोई आधिकारिक धर्म नहीं होगा। यह किसी धर्म को बढ़ावा नहीं देता न किसी से भेदभाव करता है। जिस दिन संविधान पर हस्ताक्षर हो रहे थे उस दिन बाहर बारिश हो रही थी। सदन में बैठे सदस्यों ने इसे बहुत ही शुभ शगुन माना था। भारतीय संविधान की वास्तविक प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हाथों से लिखी गई थी। इसे इटैलिक स्टाइल में काफी खूबसूरती से लिखा गया था। जबकि हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था। हाथों से लिखे संविधान पर 284 संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था। इसमें 15 महिला सदस्य थीं। संविधान की आत्मा कहे जाने वाले प्रस्तावना को अमेरिकी संविधान से लिया गया है। संविधान में प्रस्तावना की शुरुआत ‘ हम भारत के लोग’ से होती है।
भारतीय संविधान में अब तक 124 बार संशोधन हुआ है। 26 जनवरी 1950 को ही अशोक चक्र को बतौर राष्ट्रीय चिन्ह स्वीकार किया था। हमारे यशष्शवी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने अधिसूचना जारी कर 19 नवंबर 2015 को ये घोषित किया कि 26 नवंबर को देश संविधान दिवस मनाएगा। आज आठवां संविधान दिवस है। हम सभी आज संकल्प ले की हर हाल में चाहें हमें कोई भी कुर्बानी देनी पड़े हम संविधान की हमेशा रक्षा करेंगे क्योंकि आज हम जो भी हैं इस पवित्र एवं सबसे बड़े ग्रंथ संविधान की वजह से ही हैं। अपर नगर आयुक्त ने सभी कर्मचारियों को अपनी ओर से संविधान दिवस की हार्दिक बधाई दी।

इसी क्रम में विनोद इलाहाबादी ने अपने संबोधन में कहा कि तुम्हारी हर तकलीफों का में एक मुकम्मल जवाब हूँ, में कभी वक्त मिले तो पढ़ना में भारत का संविधान हूँ। देश के सबसे बड़े एवं पवित्र ग्रंथ संविधान की रक्षा करना हर भारतीय का मौलिक अधिकार एवं उसको ह्रदय से अंगीकृत एवं आत्मार्पित करना हम सभी का कर्तव्य है।
क्योंकि हमारा संविधान किसी से भेदभाव नही करता हैं।हम सभी आज संकल्प ले की हर हाल में चाहें हमें कोई भी कुर्बानी देनी पड़े हम संविधान की हमेशा रक्षा करेंगे। इसी विचार के साथ सभी देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।

इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य रूप से अपर नगर आयुक्त द्वितीय विनोद कुमार गुप्ता, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर अतुल भारती, पर्यावरण अभियन्ता पंकज भूषण रोहन सिंह, महेन्द्र सिंह चौधरी, सपन सिंह, सुभाष चन्द्र भारती, हरीबाबू वाल्मीक, नितिन दीक्षित, पुनीत कश्यप, श्रीमती अलमास, श्रीमती रीना वाल्मीकि, रुपाली कुमारी, दीपाली कुमारी, करन खरे, अनुज कुलश्रेष्ठ, जीतू कुमार, रवि सिंह,राहुल नरवार, अजय श्रोत्रिय, विजेन्दृ सिंह आदि कर्मचारीगण मौजूद रहें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights