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आइएएस राम बिलास यादव नहीं बता पाए उनके खातों में किसने जमा किए करोडों रुपये

उत्तराखंड के आईएएस राम विलास यादव (Ram Vilas Yadav) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में आईएएस (IAS) अधिकारी रामविलास यादव को निलंबित कर दिया है. वहीं विजिलेंस डिपार्टमेंट (Vigilance Department) ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. जिसके बाद विजिलेंस ने आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव रहे राम विलास यादव के ठिकानों पर उत्तराखंड विजिलेंस ने बीते दिनों छापेमारी की कार्रवाई की थी. यादव उत्तराखंड में अपर सचिव समाज कल्याण के पद पर कार्यरत थे. विजिलेंस की जांच में उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था. जिसके बाद उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.

दिनभर हुई पूछताछ
इस कार्रवाई के बाद आईएएस (IAS) अधिकारी को बुधवार को निलंबित कर दिया गया था. वहीं विजिलेंस डिपार्डमेंट ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया और बुधवार सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. आईएएस को रात 2 बजे विजिलेंस की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि वे 200 दस्तावेज लेकर विजिलेंस दफ्तर पहुंचे थे. लेकिन रामविलास यादव पूछताछ के दौरान 80 फीसदी प्रश्नों का संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए.

उत्तराखंड विजिलेंस के डायरेक्टर अमित सिन्हा ने कहा है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निर्देश देने पर आईएएस राम विलास यादव को दिन भर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है. उनकी आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में कल देर रात गिरफ्तार किया गया.

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