अपराधउत्तर प्रदेशराज्य

घरेलू झगड़े में पति ने खाया जहर, चार महीने के बेटे को सुलाकर फंदे से झूल गई पत्नी

रामगढ़(सोनभद्र)। पन्नूगंज थाना क्षेत्र के पन्नूगंज गांव में रविवार को पति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आशंका है कि पति की मौत जहर खाने से हुई है। पति की मौत की सूचना मिलते ही पत्नी ने घर में साड़ी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

पन्नूगंज गांव निवासी सूर्यकांत सोनी (27) पुत्र रामराज सोनी अपनी पत्नी पुनीता(22) और तीन बच्चे अंशु(5), आशु(5) और एक छह माह के बेट के साथ रहता था। रविवार की सुबह उसका अपनी पत्नी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। सुबह वह काम पर चला गया लेकिन लौटा तो उल्टी करने लगा। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे पहले सीएससी फिर जिला अस्पताल ले गए, जहां से डॉक्टरों ने बीएचयू रेफर कर दिया। वाराणसी ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी पुनीता ने साड़ी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। रामराज ने पुलिस को बताया कि उसका बेटे सूर्यकांत ने जहर खा लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं बेटे की मौत की सूचना पर बहू ने भी आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सीओ डॉ. चारू द्विवेदी का कहना है कि डॉक्टरों के अनुसार सूर्यकांत का मामला प्वाइजनिंग का है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने पर ही ठोस कारण पता चलेगा।

बच्चों की रोने से हुई बहू की मौत की जानकारी

पन्नूगंज थाना प्रभारी/निरीक्षक एचके सिंह के अनुसार पिता रामराज सोनी ने वह बेटे सूर्यकांत के घर से कुछ दूर दूसरे घर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि सुबह सूर्यकांत ने जहर खा लिया था। इलाज के लिए बनारस ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पति की मौत की सूचना मिलते ही बहू पुनीता ने भी आत्महत्या कर ली। घर में मां को फंदे से लटका देख कर बच्चे रोने लगे। बच्चों के रोने की आवाज सुन कर पास-पड़ोस के लोग पहुंचे तो पुनीता की मौत की जानकारी हुई। पुलिस ने अगल-बगल में रह रहे रिश्तदारों से पूछताछ भी की। सीओ डॉ. चारू द्विवेदी ने बताया कि पड़ोसियों के अनुसार सुबह किसी बात को लेकर पति और पत्नी में विवाद हुआ था।

क्या हुआ मेरी मां को

घर के आंगन में एक ओर सूर्यकांत तो दूसरी ओर पुनीता का शव चादर से ढका हुआ पड़ा था। उनके बेटे पांच साल का अंशु और तीन साल का आशु कुछ दूर कुर्सी पर बैठे वहां जुटे लोगों को चुपचाप देख रहे थे। छह महीने का अबोध बेटा एक रिश्तेदार की गोद में सो रहा था। बीच-बीच में अंशु पड़ोस में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से पूछ ले रहा था कि उसकी मां और बाऊ को क्या हुआ है। यह लोग क्यो जमीन पर लेटे हुए हैं। उसके मासूम सवालों का वहां मौजूद किसी के पास कोई जवाब नहीं होता। बस उसका सवाल सुन कर गमगीन आवाज में उसे यही ढांढस बंधाते रहे कि कुछ नहीं हुआ है। बस यूं ही लेटे हैं। कुछ देर में उठ जाएंगे। सूर्यकांत के पिता रामराज को तो कुछ समझ नहीं आ रहा है कि आखिर यह सब कैसे हो गया। एक कोने में चुपचाप बैठे रामराज बस इतना ही कहते रहे कि का पता, यह कैसे हो गया। अगर समय से डॉक्टर उसके बेटे को देख लेते तो यह सब नहीं होता। सूर्यकांत उनका छोटा बेटा था। बड़ा बेटा कहीं और अपने परिवार के साथ रहता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights