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कैसे होते हैं ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण? जानें इसे पहचानने का तरीका

स्ट्रोक (Brain Stroke) भारत में मौत के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है। यह एक खतरनाक बीमारी है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। इसलिए इस भयंकर बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। वर्ल्ड स्ट्रोक डे को हिंदी में विश्व स्ट्रोक दिवस (World Stroke Day 2022) भी कहा जाता है।

स्ट्रोक क्या है?एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग की सलाहकार डॉ. खुशबू गोयल के मुताबिक स्ट्रोक तब होता है जब रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्कों या प्लाक के रूप में फैट जमा हो जाता है। इसकी वजह से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम या पूरी तरह से रुक जाता है। यह रक्त के द्वारा मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के प्रवाह को रोकता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मिनटों में मर जाती हैं। मस्तिष्क में ब्लीडिंग भी कुछ मामलों में स्ट्रोक का कारण बन सकता है। जब क्षति बहुत अधिक होती है। स्ट्रोक के दो स्तर होते हैं- मिनिस्ट्रोक और स्ट्रोक।

मिनी स्ट्रोक क्या है?

मिनी स्ट्रोक तब होता है, जब क्षति केवल कुछ मिनटों तक रहती है और मस्तिष्क पर स्थायी प्रभाव नहीं छोड़ती है। इसके लक्षण अन्य स्ट्रोक के समान होते हैं और इसे अक्सर आने वाले बड़े स्ट्रोक की चेतावनी के रूप में लिया जाता है। यह जानना बहुत जरूरी है कि स्ट्रोक स्थायी मस्तिष्क क्षति और दीर्घकालिक विकलांगता का कारण बन सकता है। इसलिए, स्ट्रोक के सभी लक्षणों से अवगत होना महत्वपूर्ण है। जिसके बारे में डॉ. खुशबू गोयल बता रही हैं।

शरीर के कुछ हिस्सों में कमजोरी और सुन्न पड़ जाना

स्ट्रोक का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को उनके चेहरे, हाथ या पैरों पर आंशिक पक्षाघात का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादातर मामलों में यह शरीर के एक तरफ देखा जाता है। इसे पहचानने के लिए, रोगी को अपने हाथ/पैर ऊपर उठाने या मुस्कुराने के लिए कहा जाता है।

बोलने और समझने में कठिनाई

व्यक्ति को अचानक से भ्रम या समझने में कठिनाई होती है, जो कि आने वाले स्ट्रोक का संकेत है। ऐसे मामलों में, शांत रहने और संकेतों को सत्यापित करने के लिए एक छोटी-सी जांच करने की सलाह दी जाती है। मरीज को अचानक वाक्य बोलने और संवाद करने में सक्षम नहीं होने के कारण सहायता की आवश्यकता हो सकती है।

आंखों की रौशनी जाना

अचानक आंशिक या पूर्ण दृष्टि हानि एक और लक्षण है, जिसके बारे में पता होना चाहिए। यह एक या दोनों आंखों में हो सकता है। स्ट्रोक के कुछ मामलों में रोगी की आंखों की रौशनी आ और जा सकती है। जबकि आंशिक दृष्टि हानि कम गंभीर होती है। रेटिनल आर्टरी ऑक्लूशन की वजह से आंख में एक रक्त का थक्का बन जाता है, जिसके परिणामस्वरूप स्थायी अंधापन हो सकता है। यह भी स्ट्रोक की वजह से होता है।

संतुलन खो जाना

मस्तिष्क को नुकसान की प्रतिक्रिया के रूप में तत्काल चक्कर आना, असंतुलन और समन्वय का नुकसान हो सकता है। इससे मरीज को चलना, बैठना और चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।

गंभीर सिरदर्द

बिना किसी ज्ञात कारण के असहनीय सिरदर्द एक महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। यह दिमाग में कुछ गलत होने का पहला संकेत है। एक स्ट्रोक के बाद ठीक होने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों का समय पर हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है। मिनी-स्ट्रोक और उनके लक्षणों को हल्के में लेना एक सामान्य बात है और इससे स्ट्रोक के बुरे मामले सामने आते हैं। स्ट्रोक के लक्षणों के बारे में जागरूक और सक्रिय रहना और लगातार परीक्षण करवाना सर्वोत्तम उपचार के लिए आवश्यक है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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