उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के मामले में आजीवन की सजा काट रहे राजेश गुलाटी की शार्टटर्म जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमुर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने अभियुक्त राजेश गुलाटी को 45 दिन की शार्टटर्म जमानत दी है।
मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर की तिथि नियत की है। शार्टटर्म जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि गुलाटी का स्वास्थ्य ठीक नही है और उनकी सर्जरी भी होनी है। इस आधार पर उन्हें शार्ट टर्म जमानत दी जाय। जमानत प्राथर्ना पत्र में यह भी कहा गया है कि गुलाटी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
उन्हें जेल से अच्छे आचरण का सर्टिफिकेट भी मिला है। मामले के अनुसार राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की निर्मम हत्या 17 अकटुबर 2010 को की थी और शव को छुपाने के लिए उसने शव के 72 टुकड़े कर डी फ्रिज में डाल दिया था । 12 दिसम्बर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून आया तो हत्या का खुलासा हुआ।
देहरादून कोर्ट ने राजेश गुलाटी को 1 सितम्बर 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई और 15 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया जिसमे से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने व शेष राशि उसके बच्चो के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने इस घटना को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना। राजेश गुलाटी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और 1999 में लव मैरिज करके शादी की थी।राजेश गुलाटी ने इस आदेश को हाइकोर्ट में 2017 में चुनोती थी। आज उनकी तरफ से अपील में इलाज हेतु जमानत प्रार्थरना पत्र पेश किया गया ।