उत्तर प्रदेशराज्य

बरेली के लोगों के लिए सरकार की बड़ी पहल, इमरजेंसी में एक बटन दबाते ही मिलेगी मदद

झुमका सिटी के नाम से मशहूर और देश की 35वीं स्मार्ट सिटी बरेली सेफ सिटी की ओर तेजी से रफ्तार पकड़ रही है. शहर में 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाकर शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए और मदद पहुंचाने के लिए छह इमरजेंसी वाइस कॉल बॉक्स, 16 स्थानों पर एलसीडी लगाए गए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशन पर छात्राओं और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने और भय व दहशत मुक्त माहौल का एहसास कराने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए सर्विलांस को एक्टिव किया गया है. शहर का हर चौराहा और तिराहा सर्विलांस की नजर में है. 15 दिन तक शहर में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड, चौराहों और बाजारों में अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ अतिक्रमण खिलाफ अभियान चलाया जाएगा.

कमिश्नर संयुक्ता समद्दार और आईजी रेंज डॉ राकेश सिंह ने नगर आयुक्त निधि गुप्ता और एसपी ट्रैफिक राम मोहन सिंह, अपर नगर आयुक्त सुनील यादव, के साथ इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर का जायजा लिया. कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए किस तरह ट्रैफिक मैनेजमेंट को सुधारा जा सकता है- इसके निर्देश दिए गए हैं. कॉल बॉक्स के जरिए इमरजेंसी कॉल सिस्टम को भी एक्टिव किया गया है. महिलाएं और छात्राओं के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या घटना करने वाला अपराधी अगले ही चौराहे पर दबोचा जाएगा. पुलिस उससे अपने हिसाब से सख्ती से निपटेगी.

बता दें कि बीते दिनों पहले ही बरेली के आईजी ने शहर में फ्लैग मार्च निकालकर शहर के कई मुख्य चौराहों पर सुरक्षा व्यवस्था ट्रैफिक लाइट और सीसीटीवी की जांच की थी जिसमें कई चौराहों के प्रमुख सीसीटीवी कैमरे बंद थे इनको ठीक कराने के लिए भी आएगी नहीं विभाग को निर्देश दिए हैं जिससे कि शहर में कोई घटना होने पर अपराधियों की पहचान मे मदद मिल सके.

16 चौराहे पर लगेगी एलसीडी

इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर को 25 पब्लिक एड्रेस सिस्टम से कनेक्ट किया गया है. इसके अलावा शहर में 16 स्थानों पर एलसीडी लगाई गई हैं .जिनके जरिए वीडियो मैसेज प्रसारित किए जा रहे हैं. पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के जरिए लोगों को ट्रैफिक मैनेजमेंट के टिप्स दिए जाते हैं. अवैध अतिक्रमण करने वालों को चेतावनी भी दिए जाते हैं.

इसके अलावा किसी तरह की घटना होने पर उन्हें निर्देशित किया जाता है. क्राउड कंट्रोल, आग लगने अन्य आपातकालीन स्थिति में पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल कर लोगों को सुरक्षा का एहसास दिलाया जाता है. जिससे कि लोग सुरक्षित महसूस करें. किसी तरह की भय, अफवाह का माहौल पैदा न हो.

कमिश्नर ने बताया कि इसके अलावा सड़क पर महिलाओं के लिए इमरजेंसी मेसेज डिवाइस, पुलिस बूथ, भीड़भाड़ और सुनसान वाले इलाकों में स्ट्रीटलाइट्स, कैमरे, पिंक टॉयलेट, वेंडिंग जोन आदि तेजी से बनाए जा रहे हैं. सेफ सिटी योजना में महिलाओं की सुरक्षा व रोजगार पर भी ध्यान दिया जा रहा है. जिससे कि महिलाएं दिन और रात में कहीं भी बगैर झिझक और डर के आ जा सकें. अपनी आजीविका को चलाएं. सिटी में कैमरे के साथ अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं.

इमरजेंसी कॉल बॉक्स से छेड़छाड़ की तो जाएंगे सीधे हवालात

बरेली के आईजी  डॉ राकेश सिंह ने बताया कि कामकाजी महिलाओं, छात्राओं को स्कूल-कॉलेज बाजार मार्केट आने वाली युवतियों की सुरक्षा की दृष्टि से शहर के छह प्रमुख स्थानों पर वाइस कॉल बॉक्स लगाए गए हैं. उनमें इमरजेंसी बटन दिया है. बटन को क्लिक करते ही सीधे कंट्रोल रूम से कनेक्ट हो जाएंगे. इसके बाद उन्हें फौरन सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.

शहर के जीरो पॉइंट झुमका चौराहा, गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज, सेटेलाइट बस स्टैंड, मिनी बाईपास नैनीताल रोड, फिनिक्स मॉल और गांधी उद्यान पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए गए हैं. कॉल बॉक्स पर सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम सीधे संबंधित थाने को निर्देश देगा. पुलिस टीम तत्काल उसे दबोच लेगी. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वह सीधे हवालात जाएगा.

अतिक्रमण को लेकर चलेगा विशेष अभियान

इस दौरान कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बताया कि इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट किया जाएगा. इसमें स्पीड कंट्रोल करने के लिए झुमका चौराहा रोड, पीलीभीत फिनिक्स मॉल रोड, इज्जतनगर नैनीताल रोड, सुभाष नगर से महेशपुरा ठाकुरान रोड, डेलापीर से पीलीभीत रोड, इनवर्टिस यूनिवर्सिटी से लखनऊ हाइवे एंट्रेंस स्पीड कंट्रोल करने के लिए लोकेशन चिन्हित की गई हैं. वहां से तेज रफ्तार वाहनों को कंट्रोल किया जाएगा. मानकों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

मुख्य चौराहों सड़कों की वीडियोग्राफी कराई जा रही है. वहां अतिक्रमण अभियान चलाया चलाया जाएगा. अवैध कब्जा करने वालों को नोटिस देकर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके बावजूद अतिक्रमण न हटाने पर उनके खिलाफ. कानूनी प्रक्रिया के तहत एफआईआर दर्ज कर उनका सामान जब्त कराया जाएगा.

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