जोशीमठ भूधंसाव के बाद अब लोगों को राहत मिलने वाली है। जोशीमठ से जूझ रहे जोशीमठ की सुरक्षा और पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने राज्य के आर्थिक पैकेज के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। उम्मीद है कि इसकी पहली किस्त जल्द जारी कर दी जाएगी।
मालूम हो कि उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के पुनर्वास-सुरक्षा कार्यों के लिए पोस्ट डिजास्टर नीड एसेसमेंट (पीडीएनए)रिपोर्ट तैयार करते हुए केंद्र सरकार से 1845 करोड़ रुपये की मांग की थी। इस प्रस्ताव को एनडीएम ने सैद्धांतिक सहमति दे दी थी।
अब गृह मंत्रालय से भी मंजूरी मिलने के बाद जोशीमठ में पुनर्वास कार्य जल्द शुरू होने का रास्ता खुल गया है। डॉ.सिन्हा के अनुसार, इसमें भूमि अधिग्रहण के लिए जरूरी 91 करोड़ रुपये और बाकी 1754 करोड़ रुपये की 10 प्रतिशत राशि का इंतजाम राज्य सरकार को करना है। शेष 1578 करोड़ रुपये की मदद केंद्र सरकार करेगी।
सूत्रों के अनुसार,बीते रोज जोशीमठ को लेकर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है। पीएमओ ने राज्य को जोशीमठ के पुनर्निर्माण-पुनर्वास के लिए तेजी से आगे बढ़ने के निर्देश दिए हैं। जोशीमठ में होने वाले कार्यों की निगरानी पीएमओ स्वयं करेगा।
यह है प्लान
संवेदनशीलता के आधार पर जोशीमठ को उच्च, मध्यम और निम्न रिस्क जोन में बांटा गया है। हाई रिस्क जोन से सभी लोगों को विस्थापित किया जाएगा। मध्यम व निम्न रिस्क जोन में इमारतों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें ब्लैक व रेड श्रेणी के मकान बेहद संवेदनशील होंगे।
इस श्रेणी की सभी इमारतें ध्वस्त की जाएंगी। यलो श्रेणी के तहत बॉर्डर लाइन के मकान होंगे। यदि ये रिट्रोफिटिंग या अन्य सुरक्षा उपायों से सुरक्षित हो सकेंगे तो उन्हें दुरुस्त किया जाएगा अन्यथा उन्हें रेड श्रेणी का मानते हुए ध्वस्त कर दिया जाएगा। ग्रीन श्रेणी में वो मकान होंगे जो पूरी तरह से सुरक्षित होंगे।
केंद्र सरकार ने जोशीमठ पर उत्तराखंड को तेजी से काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। राज्य ने इस दिशा में कार्यवाही शुरू भी कर दी है। उम्मीद है कि जोशीमठ में शुरुआती कार्यों के लिए पहली किस्त जल्द ही मिल जाएगी।
डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा सचिव-आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास