उत्तराखंड में धामी सरकार ने अब प्रदेश में शोध करने वाले छात्रों और शिक्षकों को बड़ी सौगात दी है। धामी कैबिनेट ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। योजना से ऐसे छात्रों और शिक्षकों को लाभ मिलेगा जो कि राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं।
इन कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों व शिक्षकों को शोध के लिए 15 से 18 लाख रुपए का अनुदान व 5 हजार प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। धामी सरकार नए छात्रों में शोध को लेकर प्रोत्साहित करने व नई शिक्षा नीति में शोध को प्राथमिकता मिलने के बाद प्रदेश में छात्रों व शिक्षकों को इसके लिए प्रेरित कर रही है। इसके लिए धामी सरकार ने शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना लांच की है।
इन पर शोध
मानविकी, सामाजिक विज्ञान, भाषा, साहित्य, पर्यावरण, ज्वलंत मुद्दों, उत्तराखंड विकास पर शोध, पर्यटन, परंपरागत विज्ञान, इंजीनियरिंग में उभरते क्षेत्रों में शिक्षण और शोध को प्रोत्साहित किया जाएगा।
शोध के लिए व्यापक विषय क्षेत्र विज्ञान, कला एवं मानविकी, गृह विज्ञान, वाणिज्य प्रबंधन सहित अंतर्विषयक विषय क्षेत्र भी स्वीकार किए जाएंगे। राज्य से संबंधित शोध विषयों को प्रोत्साहित करते हुए विशिष्ट समस्या समाधान और क्रियात्मक शोध विषयों को वरीयता दी जाएगी।
कौन होगा पात्र
राज्य के शासकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों तथा राज्य विवि परिसरों में कार्यरत नियमित प्राध्यापक और नियमित संस्थागत रूप में अध्ययनरत छात्र एवं शोध अध्येता
इस साल 20 शोधार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
ऐसे होंगे आवेदन
ऑनलाइन समर्थ पोर्टल के माध्यम से आवेदन
प्रस्तावित योजना के अंतर्गत सचिव, उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय शोध एवं विकास प्रकोष्ठ समिति का गठन किया जाएगा।
ऐसे मिलेगा अनुदान
- शोध के लिए 15 लाख रुपये अनुदान मिलेगा, शोध एवं विकास प्रकोष्ठ समिति की संस्तुति के आधार पर अतिरिक्त 20 प्रतिशत तक बढ़ाते हुए कुल 18 लाख रुपये तक अनुमन्य किया जा सकता है।
- शोध की अनुदान राशि तीन किस्तों में संस्था के शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
- शोध कार्य के लिए शोध सहयोगी के प्रथम योगदान से शोध कार्य की समाप्ति की तिथि तक पांच हजार रुपये प्रति माह की दर से शोध मानदेय दिया जाएगा।