सात दिन के भीतर आपदा प्रभावित जोशीमठ (Joshimath) में नुकसान का आंकलन और विस्थापन पर खर्च का खाका तैयार करने के लिए कैबिनेट से तय समय सीमा का अफसर पालन नहीं कर पाए। चमोली में जिला स्तर पर बनी कमेटी अब तक शासन को रिपेार्ट नहीं दे पाई। 13 जनवरी को हुई कैबिनेट बैठक विशेषकर जोशीमठ और पेपर लीक मामले को लेकर ही हुई थी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि एक सप्ताह के भीतर हर हालत में जोशीमठ में हुए नुकसान और विस्थापन, पुनर्निर्माण आदि के लिए आवश्यक धनराशि का खाका तैयार कर लिया जाए। इसके आधार पर ही उत्तराखंड सरकार केंद्र से जोशीमठ के लिए आर्थिक पैकेज की मांग करेगी।
आज आठवें भी दिन भी अफसर पैकेज की रूपरेखा तय नहीं कर पाए। सूत्रों के अनुसार जिला स्तर पर गठित कमेटी का काम अभी जारी है और इसमें अभी कुछ समय और लग सकता है। डीएम हिमांशु खुराना कहते हैं कि प्रशासन अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है। आपदा प्रभावितों के विस्थापन के लिए भूमि चिह़्निकरण को प्राथमिकता से किया जा रहा है। आर्थिक पैकेज तय करने पर शासन स्तर से ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
27 को हाईपावर कमेटी करेगी समीक्षा
जोशीमठ के शासन स्तर पर गठित हाईपावर कमेटी (एचपीसी) भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट और पुनर्वास के लिए आवश्यक आर्थिक पैकेज पर चर्चा करेगी। संपर्क करने पर अपर सचिव-आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि एचपीसी के अध्यक्ष एसीएस आनंद बर्द्धन पैकेज की समीक्षा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इससे पहले पहले ही शासन को जिला स्तरीय कमेटी से रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। शासन स्तर पर एचपीसी आर्थिक पैकेज के स्वरूप को अंतिम रूप देगी। फिर उसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
अफसरों की ढिलाई लोगों पर भारी
भूधंसाव की वजह अब तक 900 लोग राहत कैंपों में शिफ्ट किए जा चुके हैं। अब तक न तो उनके विस्थापन के लिए कोई स्थान ही फाइनल रूप से चिह्नित हो पाया है। और न ही संपत्ति के लिए कोई मुआवजा राशि। कभी अपने अच्छे खासे मकानों में रहने वाले 269 परिवार कैंपों में छोटे छोटे कमरों में पूरी गृहस्थी बसाए हुए हैं। एक एक पल लोगों पर भारी गुजर रहा है। फिलहाल सरकार ने फौरी तौर पर राहत के रूप में 1.50-1.50 लाख रुपये की राहत राशि दी है। आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार अब तक 218 परिवारों को 3.27 करोड़ रुपये दिए जा चुके है।