‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ संजय लीला भंसाली की है 10वीं फिल्म, अब तक इन 9 फिल्मों से हासिल कर चुके हैं मील का पत्थर
सिनेमाघरों में रिलीज से पहले आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी कानूनी पचड़े में फंस गई है। फिल्म को लेकर उठा विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई और पीठ ने इसके निर्माता संजय लीला भंसाली प्रोडक्शन को सुझाव दिया है कि क्या इस फिल्म का नाम बदला जा सकता है।
पिछले कुछ दिनों से संजय लीला भंसाली और आलिया भट्ट अपनी फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। यह फिल्म 25 फरवरी शुक्रवार के दिन रिलीज होने वाली है। लेकिन रिलीज से पहले ही यह फिल्म मुश्किलों में फंस गई है। ऐसा इसीलिए क्योंकि गंगूबाई की बेटी बबीता ने इसके खिलाफ आरोप लगाए हैं। बबीता का कहना है कि इस फिल्म में उनकी मां को गलत तरीके से दिखाया गया है। बबीता ने यह कहा कि जब यह फिल्म बन रही थी तब संजय लीला भंसाली ने उनसे मुलाकात नहीं की। उन्होंने कहा कि उनकी मां एक सोशल वर्कर थीं और उन्होंने ताउम्र लोगों के लिए काम किया।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने मामले की सुनवाई की। वहीं याचिकाकर्ता गंगुबाई के दत्तक पुत्र बाबूजी रावजी शाह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में संजय लीला भंसाली, आलिया भट्ट, और उपन्यास कथा ‘द माफिया क्वीन्स ऑफ बॉम्बे’ के लेखक के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने इनके खिलाफ अपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करा रखा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जब बाबूजी रावजी शाह की याचिका खारिज की तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस मालमे पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला देता है, यह देखना होगा।
गंगूबाई की बेटी का आरोप
गंगूबाई की बेटी बबीता ने कहा, ‘गंगूबाई फिल्म में मेरी मां को गलत तरीके से दिखाया गया है। जब किताब छपी थी, तब किताब वाले आए थे। संजय लीला भंसाली हमसे नहीं मिले। पैसा कमाने के लिए कुछ भी दिखाया जा रहा है। मेरी मां एक सोशल वर्कर थीं। उन्होंने अपनी सारी जिंदगी कमाठीपुरा और यहां के लोगों के लिए काम किया। अब उन्हें बदनाम करने के लिए फिल्म बनाई जा रही है।’ वहीं, गंगूबाई की दत्तक पोती भारती ने कहा कि ‘फिल्म शुरू के बाद हमे घर बदला पड़ा। हम फंक्शन में नही जा पा रहे। हमें अपने नंबर तक बदलने पड़े थे।