देश के हाई सिक्योरिटी जेल मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में गैंगवार की खबर सामने आई है. इस गैंगवार में कुख्यात गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई. टिल्लू ताजपुरिया पर रोहिणी कोर्ट में शूटआउट कराने का आरोप लगा था, जितेंद्र गोगी की हत्या करवाने का आरोप लगा था.
बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल में योगेश टुंडा और उसके साथी दीपक तीतर ने लोहे की रॉड से टिल्लू पर हमला किया था. इसके बाद उसे डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां सुबह 6.30 बजे उसकी मौत हो गई. हालांकि, अभी तिहाड़ जेल प्रशासन हार्ट अटैक से मौत बता रहा है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
रोहिणी कोर्ट शूटआउट में आया था नाम
टिल्लू ताजपुरिया तिहाड़ जेल से कुख्यात बदमाश नवीन बाली, कौशल और गैंगस्टर नीरज बवानिया के साथ मिलकर गैंग ऑपरेट करता था. उसका नाम रोहिणी कोर्ट शूटआउट में आया था. सितंबर 2021 में रोहिणी कोर्ट में वकील की ड्रेस पहनकर आए दो हमलावरों ने जज के सामने गैंगस्टर जितेंद्र गोगी पर गोलियां बरसा दी थीं. गोगी की मौके पर ही मौत हो गई थी. हालांकि, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर भी मारे गए थे. तब टिल्लू ताजपुरिया मंडोली जेल में बंद था और उसकी गोगी गैंग से दुश्मनी थी और उसका नाम इस शूटआउट से जुड़ा था.
कभी दोस्त थे गोगी और टिल्लू
माना जा रहा है कि टिल्लू की हत्या के पीछे गोगी गैंग का हाथ हो सकता है. टिल्लू और गोगी गैंग की दुश्मनी काफी पुरानी है. लेकिन कभी टिल्लू और गोगी दोस्त हुआ करते थे. फिर दुश्मनी ऐसी हुई कि अब तक गैंगवार में कई लोगों को जान जा चुकी है. टिल्लू ताजपुरिया गांव का रहने वाला है. वहीं जितेंद्र गोगी अलीपुर गांव का था. दोस्ती में खटास आने के बाद दोनों ने अलग-अलग गैंग बना ली. 2010 में बाहरी दिल्ली के एक कॉलेज छात्र संघ चुनाव से यह रंजिश शुरू हुई, जो गैंगवार में तब्दील हो गई.
कौन था टिल्लू ताजपुरिया?
टिल्लू ताजपुरिया पहले दिल्ली की मंडोली जेल में बंद था, लेकिन जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. वह जेल से ही अपनी जरायम की दुनिया का कामकाज संभालता था. उसके नाम के पीछे ताजपुरिया को लेकर बताया जाता है कि वह ताजपुरिया गांव का ही रहने वाला है, इसलिए उसने अपना नाम टिल्लू ताजपुरिया कर लिया.गैंगस्टर नीरज बवानिया के जेल जाने के बाद टिल्लू और गोगी गैंग के बीच वर्चस्व की लड़ाई काफी बढ़ गई थी. जिसकी वजह से दोनों गैंग के बीच मुठभेड़ हुई और दोनों गैंग के सदस्यों की जान गई.
19 दिन में तिहाड़ जेल में 2 गैंगवार, 2 गैंगस्टर की मौत
– 14 अप्रैल को दिल्ली के गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या हुई
– 2 मई को टिल्लू ताजपुरिया की हत्या
कौन था जितेंद्र गोगी?
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक जितेंद्र गोगी ने अपराध के जरिए अकूत संपत्ति कमाई थी. स्पेशल सेल के मुताबिक जितेंद्र गोगी के नेटवर्क में 50 से ज्यादा लोग हैं. जितेंद्र गोगी को साल 2020 में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था.
गोगी के साथ कुलदीप फज्जा को भी पकड़ा गया था. कुलदीप फज्जा बाद में 25 मार्च को कस्टडी से फरार हो गया था. फज्जा जीटीबी अस्पताल से फरार हुआ था जिसके बाद उसका एनकाउंटर हुआ. 2020 में गोगी की गिरफ्तारी के दौरान भारी मात्रा में कारतूस और असलहे बरामद किए गए थे.
अकेले गोगी पर दिल्ली से चार लाख और हरियाणा में दो लाख का इनाम घोषित था. इससे पहले यह कई बार कस्टडी से फरार भी हुआ. बहुचर्चित हरियाणवी सिंगर-डांसर हर्षिता मर्डर केस में भी जितेंद्र उर्फ गोगी का नाम आया था. गोगी के पास से 6 ऑटोमेटिक विदेशी पिस्टल, 70 से अधिक जिंदा कारतूस, पश्चिम विहार से लूटी गई एक कार बरामद हुई थी. नरेला में आम आदमी पार्टी के नेता वीरेंद्र मान को गोगी गैंग के लोगों ने ही 26 गोलियां मारी थीं.