अंतर्राष्ट्रीय

भगोड़े नीरव मोदी को जल्द लाया जा सकता है भारत, ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने किया प्रत्यर्पण का रास्ता साफ

भगोड़े नीरव मोदी को जल्द ही भारत लाया जा सकता है. ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने इसे हरी झंडी दिखा दी है. वहां के हाई कोर्ट की तरफ से उस याचिका को खारिज कर दिया गया है जहां पर  प्रत्यर्पण रोकने की अपील की गई थी. कोर्ट का कहना है कि नीरव का प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण या दमनकारी नहीं होगा.

नीरव का क्या तर्क, कोर्ट ने क्या कहा?

अब जानकारी के लिए बता दें कि भारत लंबे समय से नीरव मोदी का प्रत्यर्पण चाहता है. लेकिन ब्रिटेन में शरण लिए बैठा नीरव मोदी उस एक्शन से बचने के लिए लगातार अलग-अलग तर्क दे रहा है. ब्रिटेन हाई कोर्ट में नीरव के वकील बता रहे हैं कि वो डिप्रेशन का शिकार है और भारत के जेल में जैसी स्थिति है, वहां पर वो सुसाइड भी कर सकता है. इसी तर्क के आधार पर प्रत्यर्पण का विरोध किया जा रहा है. लेकिन ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने पूरी सुनवाई के बाद नीरव मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया है.

इससे पहले भी जब इस मामले में सुनवाई हुई थी, तब जस्टिस रॉबर्ट जे ने इस बात पर जोर दिया था कि भारत के ब्रिटेन के साथ अच्छे संबंध हैं और उन्हें 1992 वाली India-UK Extradition Treaty का सम्मान करना जरूरी है. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी साफ कर दिया है कि Westminster कोर्ट ने पिछले साल प्रत्यर्पण को लेकर जो फैसला सुनाया था, वो एकदम सही था. कोर्ट ने ये भी तर्क दिया है कि सुसाइड का खतरा बताना प्रत्यर्पण के खिलाफ आधार नहीं बन सकता है.

भारत सरकार के आश्वासन पर कोर्ट को भरोसा

सुनवाई के दौरान जजों ने भारत सरकार द्वारा दिए गए उन आश्वासनों का भी जिक्र किया जहां कहा गया था कि नीरव मोदी को जेल में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनका psychiatric diagnosis भी किया जाएगा. तब भारत सरकार की तरफ से पेश हुए Helen Malcolm ने भी कहा था कि ये काफी  संवेदनशील और हाई प्रोफाइल मामला है, ऐसे में नीरव मोदी का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

क्या है PNB घोटाला?

अभी तक नीरव मोदी की टीम ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन कहा जा रहा है कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाया जा सकता है. 14 दिन के भीतर नीरव मोदी को वहां के सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई सिर्फ तब होगी जब हाई कोर्ट की तरफ से ये कहा गया हो कि याचिका जनहित वाली है. भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर उनके मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण धोखाधड़ी करने का आरोप है.

ये पूरा घोटाला नीरव मोदी की तीन कंपनियों, उसके अधिकारियों, पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया. यह 13,000 करोड़ से अधिक की बैंक धोखाधड़ी का केस है. नीरव मोदी ने पीएनबी की बार्टी हाउस शाखा के अधिकारियों के साथ मिलकर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक फर्जी ऋणपत्रों के माध्यम से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया.

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