नई दिल्ली. आईपीएल के 16वें सीजन के शुरू होने में भले ही अभी वक्त है. लेकिन, तैयारियां और रणनीति तो अभी से ही बननी शुरू हो गई है. इसका आगाज 23 दिसंबर यानी शुक्रवार को कोच्चि में होने वाले मिनी ऑक्शन से शुरू हो जाएगा. पिछले साल के मेगा ऑक्शन में कई टीमें नए सिरे से बनी थी और मिनी ऑक्शन से पहले ज्यादातर टीमों ने अपने कोर या कहें कि अहम खिलाड़ियों को बरकरार रखा है. फिर भी 87 खिलाड़ियों को खरीदा जा सकेगा. इसके लिए कुल 405 खिलाड़ी नीलामी में उतरेंगे.
कहने को यह मिनी ऑक्शन है. लेकिन, पैसों और खिलाड़ियों के मामले में यह किसी भी नजरिए से मिनी नहीं दिख रहा. यह सातवां मौका है, जब आईपीएल में मिनी ऑक्शन होगा. आईपीएल के मिनी ऑक्शन के इतिहास में ये पहली बार होगा जब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगेगी, इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है. सभी 10 टीमों के पर्स में बची राशि को अगर जोड़ लिया जाए तो यह रकम 206.5 करोड़ रुपये होती है.
इससे पहले, 2021 में हुए मिनी ऑक्शन में करीब 145 करोड़ रुपये सभी टीमों ने खर्च किए थे. वहीं, एक साल पहले 2020 में यह रकम 140 करोड़ के आसपास थी. यानी इस बार टीमों के पास खिलाड़ियों को खरीदने के लिए सबसे अधिक पैसा है. यानी इस बार खिलाड़ियों पर पैसों की बरसात हो सकती है और पिछले मिनी ऑक्शन के रिकॉर्ड टूट सकते हैं.
ऐसा होता है या नहीं, इसके लिए तो ऑक्शन का इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन, उससे पहले, आपको नीलामी से जुड़ी सारी बड़ी बातें बता देते हैं. जैसे कितने खिलाड़ियों के स्लॉट खाली हैं, कितने विदेशी खिलाड़ी खरीदे जा सकते हैं, किस टीम के पर्स में कितना पैसा बाकी है? इस बार नीलामी से जुड़े नियम क्या हैं और बाकी तमाम बातें. तो सबसे आपको यह बता देते हैं कि इस बार नीलामी में कितने खिलाड़ी अपनी किस्मत आजमाने जा रहे.
कितने प्लेयर्स पर लगेगी बोली?
आईपीएल के मिनी ऑक्शन की फाइनल लिस्ट के मुताबिक, कुल 405 खिलाड़ियों पर बोली लगने जा रही है. इसमें से 273 भारतीय हैं जबकि 132 विदेशी खिलाड़ियों में से 4 एसोसिएट नेशन के हैं. कुल 119 कैप्ड (जो अपने देश के लिए किसी एक फॉर्मेट में खेल चुके हैं) और 282 अनकैप्ड खिलाड़ी ऑक्शन में उतरेंगे. हालांकि, सभी टीमों की ओर से कुल 87 खिलाड़ियों को ही खरीदा जा सकता है, जिसमें अधिकतम 30 विदेशी होंगे.
यह तो हो गई बात कि कितने खिलाड़ी नीलामी में उतरेंगे और कुल कितने खिलाड़ियों के स्लॉट खाली हैं. अब बात करते हैं कि किस टीम के पर्स में सबसे अधिक पैसा है और किसके पास सबसे कम और कौन सी टीम में कितने स्लॉट खाली हैं.
किस टीम के पर्स में सबसे अधिक पैसा?
सनराइजर्स हैदराबाद ने मिनी ऑक्शन से पहले 10 खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया था. उसके पर्स में सबसे अधिक 42.25 करोड़ रुपये हैं. कोलकाता नाइट राइडर्स ने करीब-करीब पूरी टीम ही रिलीज कर दी है. केकेआर ने 16 खिलाड़ियों को रिलीज किया है. लेकिन, उसने तीन खिलाड़ियों शार्दुल ठाकुर (दिल्ली कैपिटल्स), लॉकी फर्ग्यूसन (गुजरात टाइटंस), रहमानुल्लाह गुरबाज (गुजरात टाइटंस) को ट्रेड किया है. उसके पास पर्स में सबसे कम 7.05 करोड़ रुपये हैं.
नीलामी से पहले 10 टीमों के बकाया पर्स और खाली स्लॉट
सनराइजर्स हैदराबाद – 42.25 करोड़ (13 स्लॉट)
पंजाब किंग्स- 32.2 करोड़ (9 स्लॉट)
लखनऊ सुपर जाइंट्स- 23.35 करोड़ (10 स्लॉट)
मुंबई इंडियंस- 20.55 करोड़ (9 स्लॉट)
चेन्नई सुपर किंग्स- 20.45 करोड़ (7 स्लॉट)
दिल्ली कैपिटल्स- 19.45 करोड़ (5 स्लॉट)
गुजरात टाइटन्स- 19.25 करोड़ (7 स्लॉट)
राजस्थान रॉयल्स- 13.2 करोड़ (9 स्लॉट)
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु- 8.75 करोड़ (7 स्लॉट)
कोलकाता नाइट राइडर्स- 7.05 करोड़ (11 स्लॉट)
भारत के बाद किस देश के सबसे ज्यादा खिलाड़ी
इस साल नीलामी में अलग-अलग 15 देशों के कुल 991 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. इसमें से फाइनल लिस्ट में कुल 405 खिलाड़ियों को शामिल किया है, जो शुक्रवार को नीलामी में शामिल होंगे. भारत के सबसे अधिक 273 खिलाड़ियों को चुना गया है. इसके बाद इंग्लैंड के 27, दक्षिण अफ्रीका के 22, ऑस्ट्रेलिया के 21, वेस्टइंडीज के 20, श्रीलंका के 10, न्यूजीलैंड के 10, अफगानिस्तान के 8, आयरलैंड के 4, बांग्लादेश के 4, जिम्बाब्वे के 2, नामीबिया के 2, नीदरलैंड का 1, यूएई का 1.
क्या राइट टू मैच कार्ड होगा?
नहीं. पिछले साल मेगा ऑक्शन की तरह इस बार भी फ्रेंचाइजी राइट टू कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी. पहली बार, 2018 के ऑक्शन में आरटीएम कार्ड इस्तेमाल हुआ था. इस कार्ड के जरिए हर टीम अपने पुराने खिलाड़ी को अपने साथ जोड़ सकती थी. नीलामी के दौरान अगर कोई खिलाड़ी दूसरी टीम ने खरीद लिया, तो उसकी पुरानी टीम राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल करके उसी कीमत पर दोबारा अपने पाले में ला सकती थी.
एक्सीलरेटेड बीडिंग प्रोसेस क्या है और कैसे इस्तेमाल में आएगी?
इस बार ऑक्शन में कुल 405 खिलाड़ियों पर बोली लगनी है. पहले 86 खिलाड़ियों के बाद एक्सीलरेटेड बीडिंग प्रोसेस शुरू हो जाएगी. इसके तहत, फ्रेंचाइजी की तरफ से बीसीसीआई को एक लिस्ट सौंपी जाती है, जिसमें उन अनसोल्ड खिलाड़ियों का नाम होता है, जिसे फ्रेंचाइजी खरीदना चाहती हैं. इन खिलाड़ियों को नीलामी में लाया जाता और फिर तेजी से ऑक्शनर इन पर बोली लगाता है. इस दौरान फ्रेंचाइजी के पास खिलाड़ियों को खरीदने के लिए ज्यादा वक्त नहीं होता है. ऑक्शनर जल्दी-जल्दी खिलाड़ियों का नाम बोलते जाता है और इस दौरान ज्यादातर खिलाड़ी बेस प्राइस में ही खरीदे जाते हैं.
किसी स्क्वॉड में अधिकतम कितने खिलाड़ी हो सकते हैं?
हर फ्रेंचाइजी न्यूनतम 18 और अधिकतम 25 खिलाड़ियों को अपने स्क्वॉड में रख सकती है. वहीं, ओवरसीज खिलाड़ियों की अधिकतम संख्या 8 है.