कारोबार में 50 फीसदी हिस्सेदारी में आपराधिक षड़यंत्र रचकर धोखाधड़ी की शिकायत पर नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि व्यापार में हुए लाभ के पचास फीसदी हिस्सेदारी की 1.16 करोड़ की धनराशि नहीं दी गई। पैसा हड़पने के बाद धमकी देने का भी आरोप है। इस मामले की शिकायत कोर्ट में दी गई। कोर्ट के आदेश के बाद नगर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है।
नगर कोतवाली पुलिस के मुताबिक राजेश वाजपेई निवासी दून विहार जाखन देहरादून की शिकायत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में गौरव कुमार पाठक इनकी पत्नी अर्चना पाठक, बेटे प्रखर पाठक के अलावा अनुथाम ट्रेनर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रेसकोर्स वैली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। राजेश का कहना है कि वह प्रबंधन क्षेत्र में लम्बे आरसे से पेशेवर है।
कई नामी कंपनियों के साथ जुड़े रहे। आरोपी गौरव पाठक से साल 2008 में मुलाकात हुई। कारोबार में गौरव पाठक के साथ बराबर की हिस्सेदारी तय हुई। बताया कि बीटीपीएल व्यवसाय (स्टडी-मोड) को चलाने के लिए बराबर की भागीदार तय की गई। बीटीपीएल स्टडी-मोड बराबरी के हिस्सेदारी से लगभग आठ महीने तक जारी रहा।
आरोप है कि गौरव ने जानबूझकर एक कंपनी के अन्य निदेशक के रूप में बोर्ड में शामिल नहीं किया। जिससे अर्जित बीटीपीएल व्यापार और वित्तीय मामलों से बाहर रख सके। इस संबंध में पूछ तो झूठा आश्वासन दे दिया। कहा था कि पचास फीसदी भुगतान हर भुगतान से किया जाएगा। कहा कि एकाउंट्स के लिए प्रशिक्षण और परामर्श शुल्क के रूप में पसास फीसदी लाभ मूल्य की सीमा तक बिल देना होगा।
बताया कि जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक प्रभावी रूप से रुपये 3.41 करोड़ बीएनईडी से एनूथम में आवक राजस्व के रूप में आया। एक अप्रैल 2022 से 22 नवंबर 2022 तक बीएनईडी से एनूथम में रुपए 1.46 करोड़ आवक राजस्व के रूप में आए। आरोप है कि पचास फीसदी (रुपए 1.16 करोड़ ) हिस्से के भुगतान करने से गौरव ने इंकार कर दिया।
आरोप है कि गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई। आरोप है कि आरोपियों ने साठ-गांठ कर एक झूठा, कूटरचित, फर्जी, जाली दस्तखत का फर्जी कंसल्टेंसी एग्रीमेंट का हवाला देते हुए 1.16 करोड़ को अपने निजी फायदे के लिए हड़प लिए।