छठ पूजा त्योहार शुक्रवार से नहाय खाय पर घरों की साफ सफाई के साथ शुरू हो गया है। भगवान सूर्य और छठी माता को समर्पित छठ पर्व चार दिन चलेगा। छठ पूजा में संतान के स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु के लिए पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। व्रत को महिलाओं के साथ पुरुष भी रखते हैं।
नारायण ज्योतिष संस्थान के संस्थापक आचार्य विकास जोशी ने बताया कि कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को पहले दिन शुक्रवार को नहाय खाय पर महिलाओं ने घरों की साफ-सफाई की। घरों में चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात प्रसाद के रूप में बना। दूसरे दिन आज शनिवार को खरना है। इस दिन महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाएंगी और रात को ग्रहण करेंगी। प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता है।
इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया है। छठ पूजा के तीसरे दिन रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। व्रती महिलाएं या पुरुष पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं। इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 37 मिनट है।
छठ पूजा का दूसरा अर्घ्य 31 अक्तूबर को सप्तमी में चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर उगते सूर्य का अर्घ्य देते हैं।
इसके बाद छठ पूजा का समापन होगा। फिर व्रत पारण किया जाता है। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 31 मिनट है।
ऋषिकेश में छठ पर 30 अक्तूबर को त्रिवेणी घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की धूम मचेगी। कार्यक्रम में महुआ चैनल के कलाकार मनोज यादव और विरहा गीतकार अनीता राजभर अपने श्रृंखलाबद्ध गीतों की प्रस्तुति देंगे।
रविवार शाम गंगा घाट और तट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देना और सोमवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन होगा।