जिंक फैक्ट्री के बाहर धमकी भरे बम की साजिश का पर्दाफाश, हिस्ट्रीशीटर सहित चार गिरफ्तार

पुलिस की विशेष टीम ने 30 किमी के इलाके में की जांच, मास्टरमाइंड निकला पुराना अपराधी
राजस्थान। राजसमंद जिले के दरीबा माइंस परिसर में देसी बम और धमकी भरा पत्र मिलने के मामले का खुलासा करते हुए रेलमगरा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक हिस्ट्रीशीटर भी शामिल है।
राजसमंद पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने जानकारी दी कि 23 अप्रैल की शाम को हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी हीरालाल को एक अज्ञात व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल में बताया गया कि फैक्ट्री के पास स्थित बैक गोल चक्कर के पास एक चेतावनी छोड़ी गई है।
सूचना मिलने पर कंपनी प्रबंधन ने जांच की, जिसमें मौके से एक संदिग्ध टिफिन पैकेट मिला। उसमें धमकी भरा पत्र था, जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग की गई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलमगरा पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और उदयपुर से बुलाए गए बीडीएस दल ने टिफिन में मौजूद विस्फोटक को निष्क्रिय किया।
इसके बाद पुलिस ने एएसपी महेंद्र पारीक के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने घटनास्थल के आसपास करीब 30 किलोमीटर के दायरे में सीसीटीवी फुटेज खंगाले और संदिग्धों से पूछताछ की।
जांच में सामने आया कि इस साजिश का मास्टरमाइंड सांसेरा निवासी हिस्ट्रीशीटर महावीर उर्फ माधु है, जिसके खिलाफ पहले से ही 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पूछताछ में महावीर ने स्वीकार किया कि उसने रोजगार की मांग को लेकर धमकी देने की योजना बनाई थी और अपने साथियों दिनेश नाथ, अनिल धोबी और मोहम्मद जावेद के साथ मिलकर देसी टिफिन बम तैयार किया।
आरोपियों ने टिफिन बॉक्स में लोहे की छड़ियों के टुकड़े, डेटोनेटर और विस्फोटक भरकर एक तार बाहर निकालते हुए उसे चेतावनी स्थल पर रखा था।
रेलमगरा पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों — महावीर कीर उर्फ माधु (35), दिनेश नाथ (25), अनिल कुमार धोबी (35), और मोहम्मद जावेद (22) को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपी सांसेरा और छंडगा खेड़ी गांव के निवासी हैं।