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सेना के पूर्व जवान सौरभ शर्मा की अर्जी खारिज, भारतीय सेना की खुफिया सूचनाएं ISI को देने का आरोप

लखनऊ। पूर्व सैनिक द्वारा सेना में कार्यरत रहने के दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को धन के बदले खुफिया जानकारी मुहैया कराने के आरोपी सेना के पूर्व कर्मी सौरभ शर्मा की ओर से उसके मामले को सुनवाई के लिए सेना की कोर्ट को सौंपने की मांग वाली अर्जी को एनआईए के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गजाला ने खारिज कर दिया।

अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 20 जून की तारीख तय करते हुए आरोपी को सुनवाई के लिए तलब करते हुए कहा कि आरोपी की सुनवाई एनआईए कोर्ट में ही होगी।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी के सेना से निकाले जाने के बाद यह मुकदमा दर्ज हुआ है और उसे गिरफ्तार किया गया है लिहाजा सेना की कोर्ट में मामला नही चलेगा।

विशेष अधिवक्ता एमके सिंह ने बताया कि सेना से निष्कासित सौरभ शर्मा ने कोर्ट में अर्जी दी थी की आर्मी अधिनियम के अनुसार उसके सेना में रहने के दौरान आरोपी द्वारा किये गए अपराध का विचरण कोर्ट मार्शल के जरिये सेना द्वारा किया जाएगा लिहाजा उसके मामले को सेना को सौप दिया जाए।कोर्ट में सरकारी वकील एमके सिंह ने आरोपी की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी सेना में कार्यरत था और वर्ष 2014 से वह पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई के एजेंट के संपर्क में था। आरोपी ने भारतीय सेना की बहुत सी गुप्त सूचनाएं और दस्तावेजों को एजेंट को सौंपा जिससे देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को खतरा हुआ।

यह भी कहा गया कि सौरभ शर्मा को चिकित्सीय आधार पर जून 2020 में सेना से सेवानिवृत्त कर दिया गया,फिर भी आरोपी देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा इस दौरान सौरभ पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर रही और उसे इस मुकदमे में 8 जनवरी 2021 को गिरफ्तार कर लिया गया। आगे कहा गया कि आरोपी सौरभ 2020 में सेना से हटाए जाने के बाद गिरफ्तार हुआ लिहाज उसके मुकदमे की सुनवाई एनआईए कोर्ट को ही करनी चाहिए।

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