यूपी में दस प्रतिशत से ज्यादा बढ़ेगी प्राइवेट स्कूलों की फीस, सरकार ने शुल्क बढ़ोतरी पर लगी रोक हटाई
शासन की ओर से शैक्षणिक सत्र 2022-23 मई स्कूलों की फीस में वृद्धि न करने का आदेश वापस लिए जाने का स्कूलों के संगठन ने स्वागत किया है।
निजी विद्यालयों ने आपसी सहमति से निर्णय लिया है कि वे अपने कक्षावार निर्धारित मासिक कम्पोजिट शुल्क में 10 प्रतिशत तक की अधिकतम वृद्धि करेंगे।
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि फीस वृद्धि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में निर्धारित फीस के आधार पर की जाएगी।
एसोसिएशन के बैनर तले निजी विद्यालयों के प्रबंधकों ने निर्णय लिया है कि अधिकतम 10 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि नहीं की जाएगी।
मालूम हो कि सत्र शुरू होने से पहले ही शासन ने वर्तमान सत्र की फीस में वृद्धि न करने का आदेश जारी किया था। इसे लेकर स्कूल संगठनों ने न्यायालय की शरण ली थी।
अब शासन ने फीस वृद्धि न करने के आदेश को वापस ले लिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि फीस वृद्धि शुल्क अधिनियम के नियमों के अनुसार ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि कई विद्यालय अधिनियम के अनुसार फीस में वृद्धि कर चुके हैं तो कई करने वाले हैं।
सत्र शुरू होने से पहले ही स्कूलों ने बढ़ा दी थी फीस
शासन की ओर से फीस में वृद्धि न करने के आदेश के बावजूद कई स्कूलों ने शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही फीस में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी। अमर उजाला ने 29 मार्च को इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। स्कूलों ने फीस बढ़ाने के पीछे तर्क दिया था कि उन्होंने 2020 और 2021 फीस की वृद्धि नहीं की थी। दो साल बाद 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। स्कूलों का दावा है कि स्टाफ के वेतन और स्कूलों के अन्य खर्चों में वृद्धि होने से यह निर्णय लिया गया।
कोरोना की मार से अभिभावक पूरी तरह से उबरे नहीं है। महंगाई की मार अभिभावकों पर बहुत ज्यादा है। ऊपर से फीस में वृद्धि अभिभावकों की कमर तोड़ देगी। शासन से मांग है कि वे अभिभावकों के हित को ध्यान में रखें और फीस में वृद्धि का आदेश वापस लें।
– राकेश सिंह, अध्यक्ष अभिभावक संघ