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गोरखनाथ मंदिर हमले पर अखिलेश यादव ने कहा- पिता ने बताया अहमद मुर्तजा अब्बासी मनोरोगी, इसकी भी जांच हो

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को गोरखपुर के मंदिर के बाहर सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखने का आह्वान करते हुए सत्तारूढ़ भाजपा की इस बात के लिए आलोचना की कि वह इस घटना को खींच रही है।

उन्होंने बलिया में उत्तरप्रदेश बोर्ड परीक्षा के 12वीं के प्रश्नपत्र लीक मामले में तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी का विषय भी उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी सुरक्षित नहीं है।

सपा अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ” अभी जो जानकारी आ रही हैं और उसके पिता ने जो कहा है उसके हिसाब से उसे दिमागी समस्याएं थी, उसके साथ बाइपोलर इश्यूज (मनोविकार) थे । मुझे लगता है, वह पहलू भी देखना पडेगा। भाजपा तो वह पार्टी हैं जो बात को न जाने कितना खींच देती है ।”

अखिलेश यादव विधानपरिषद चुनाव के सिलसिले में कन्नोज आये थे । रविवार की देर रात, 30 वर्षीय आईआईटी स्नातक अहमद मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की और जब सुरक्षा कर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने उनपर धार दार हथियार से हमला किया, जिससे (पीएसी) के दो कांस्टेबल घायल हो गए।

मामले की जांच उप्र पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की संयुक्त टीम कर रही है और जांचकर्ताओं को संदेह है कि अब्बासी खुद कट्टरपंथी थे। गोरखनाथ मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास भी है जो मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। हमले के वक्त योगी आदित्यनाथ मंदिर परिसर में नहीं थे।

अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में उत्तरप्रदेश बोर्ड परीक्षा के 12वीं के पेपर लीक मामले में बलिया के तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने कहा, “भाजपा शासन में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं। बलिया में बोर्ड परीक्षा के संस्कृत और अंग्रेजी के पेपर लीक को उजागर करने के लिए पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था। यह एक बहुत ही निंदनीय व्यवहार है।”

उन्होंने भाजपा को ‘लोकतंत्र का सीरियल किलर’ करार देते हुए आरोप लगाया कि वह वोट लूटने में माहिर हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में जिस तरह से लखीमपुर में महिला प्रत्याशी के कपड़े फाड़े गए और हाल ही में विधान परिषद चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के दौरान एटा में सपा प्रत्याशी का पर्चा फाड़ दिया गया , वह ‘दिखाता है कि भाजपा को न तो संविधान में, न ही कानून और लोकतंत्र में भरोसा है।’

सपा प्रमुख ने आशा व्यक्त की कि अधिकारी स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से विधान परिषद चुनाव कराएंगे और कहा कि उनकी पार्टी अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए समर्पित रूप से काम कर रही है और उम्मीद है कि सपा अधिक से अधिक सीटें जीतेगी। सपा सुप्रीमो ने यह भी आरोप लगाया कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, डकैती और लूट की घटनाएं बढ़ी हैं और हाल की घटनाओं का हवाला दिया।

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