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नोएडा प्राधिकरण पर 4 माह से चल रहा किसानों का धरना समाप्त

नोएडा में करीब चार महीने से चल रहा किसानों का धरना शुक्रवार को समाप्त हो गया। नोएडा प्राधिकरण द्वारा किसानों की कई मांगें मान ली गई हैं। सिर्फ 10 प्रतिशत भूखण्ड और 64 प्रतिशत मुआवजे की मांग को मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। नोएडा के सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, विधायक पंकज सिंह, एसईओ प्रवीण मिश्रा और एडीसीपी रणविजय ने किसानों के बीच पहुंचकर धरना समाप्त कराया।

जानकारी के अनुसार, भारतीय किसान परिषद के नेतत्व में 81 गांवों के किसानों ने कई मांगों को लेकर 1 सितंबर से नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ धरना शुरू किया था। शुरुआत में किसानों ने सेक्टर-5 हरौला बारात घर में धरना शुरू किया था। किसानों ने कई दिनों तक लगातार प्राधिकरण तक मार्च निकाला। मांगें पूरी नहीं होने पर 16 नवंबर से किसानों ने सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण के सामने ही धरना शुरू कर दिया।

करीब दो सप्ताह से किसानों ने प्राधिकरण के सभी गेट पूरी तरह से बंद करा दिए थे। किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को अंदर नहीं घुसने दिया जाता था। आम लोगों को एक महीने से दफ्तर में घुसने दिया गया था। अब चार महीने बाद नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और किसानों के बीच हुई बातचीत के बाद मांगों को मान लिया गया।

बता दें कि बीते एक सितंबर से नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के समाप्त होने की चर्चा गुरुवार को भी दिनभर चलती रही। आंदोलन खत्म कराने के लिए नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा वार्ता के बाद तैयार किए गए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने थे। मगर इस पत्र को लेकर किसानों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों में विवाद बढ़ गया। इसे लेकर किसानों का कहना था कि वार्ता के अनुसार, इस पत्र में जिन बातों को प्राधिकरण के अधिकारियों को लिखना था, वे इसमें शामिल नहीं की गईं। प्राधिकरण की वादाखिलाफी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि किसान बढ़ी हुई दर से मुआवजा देने, आबादी की समस्याओं का निस्तारण करने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन में महिलाएं व बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल थे। किसानों ने प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया था। किसानों का कहना था कि प्राधिकरण में बैठे अधिकारी खुद को कॉरपोरेट कंपनी का अधिकारी मानते हैं तथा उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि किसानों की जमीन पर ही उनका दफ्तर बना है। किसानों का कहना था कि जब तक उनकी सारी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

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