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लखनऊ में फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़, एसटीएफ ने करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह को दबोचा

एसटीएफ ने रविवार को फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले दंपति सहित तीन को गिरफ्तार कर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। इस गिरोह ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का चोरी कर बेचने वाले डाटा खरीदकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। गिरोह के पास से 2.75 लाख ग्राहकों के डाटा बरामद हुए हैं। एसटीएफ ने इस गिरोह के सरगना दंपति अंकित सिंह व प्रिया सिंह सहित तीन को दबोचा है। दोनों पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्त्रस्म सिंह के मुताबिक टीम ने रविवार को रायबरेली के पूरेपवारन चक मलिक भीटी निवासी अंकित सिंह, उसकी पत्नी प्रिया सिंह और बहराइच के कैसरबगंज डिघवा शेर बहादुर सिंह निवासी अनुज गौड़ को कुर्सी रोड स्थित अवधपुरम सोसायटी से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ  के विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक यह दंपति 2020 से मालवीय नगर नियर अपेक्स सर्किल ओके प्लस बिल्डिग में फर्जी काल सेंटर चला रहा है। मैक्स लाइफ  इंश्योरेंस कं पनी के ग्राहकों को काल कर उनका प्रीमियम जमा कराने के नाम पर ठगी करते थे।

10 प्रतिशत कम प्रीमियम जमा करने का देते थे लालच
एसटीएफ केअधिकारी के मुताबिक आरोपियों ने लोगों को जाल में फंसाने के लिए कई स्कीमों को ऑन लाइन लॉन्च कर रखा था। पूछताछ में बताया कि वह मैक्स लाइफ  इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी बनकर ग्राहकों से बातचीत करते थे। ग्राहकों से कहते थे कि एक स्कीम के तहत कंपनी ने कुछ लकी कस्टमर के प्रीमियम के आनलाइन भुगतान पर 10 प्रतिशत का प्रीमियम घटाकर जमा करने में आपका नाम लकी कस्टमर में आया है। इसके बाद उनको फर्जी नाम पते पर खोले गये बैंक खाते देकर उसमे रूपये ट्रांसफर करा लेते है। रकम जमा होने के बाद खाते से रुपये निकालकर दूसरे खाते में भेज देते थे।

जमानत पर छूटे तो फिर शुरू किया फर्जीवाड़े का खेल
एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक प्रिया सिंह व अंकित सिंह को लखनऊ की कृष्णानगर पुलिस ने 2017 में गिरफ्तार किया था। उस समय भी दोनों को फर्जी तरीके से कॉल सेंटर चलाने के मामले में दबोचा गया था। इस गिरोह में प्रिया कॉलिंग का काम करती थी तो अंकित फर्जी बैंक खाते खोलने व एटीएम से रुपये निकालने का । कृष्णानगर में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया।

पूछताछ में सामने आया कि दोनों को इस मामले में तीन महीने बाद जमानत मिली थी। इसके बाद दोनों ने 2019 में घर से ही ठगी करनी शुरू की थी। इसके लिए पहले वाले फर्जी काल सेन्टर से डेटा चुराकर लाये थे। इसके बाद 2020 में गिरोह बनाकर मालवीय नगर नियर अपेक्स सर्किल ओके प्लस बिल्डिग में फर्जी काल सेंटर खोलकर ठगी शुरू कर दी।

फर्जी नाम व पते पर खोल रखा था 120 बैंक खाते
आरोपियों ने बताया कि फर्जी नामों सर 120 फर्जी बैंक खाते खोलकर लगभग 200 लोगों से लगभग 1 करोड़ रूपये जमा करवाये है। फर्जी नाम पते पर खोले गये खाते अंकित ही संचालित करता है। फर्जी पहचान पत्र पर  प्रीएक्टिवेटेड  200 सिम अंकित ने खरीदा है। हम लोगों ने इस काम में लगभग 100 मोबाइल का प्रयोग किये है। जिस मोबाइल नंबर से काल की जाती है भुगतान हो जाने के बाद उस सिम और मोबाइल तोड़कर फेंक दिया जाता है।

फर्जी नाम, पते पर सिम कार्ड देने में अनुज गौड़ मदद करता है। वो वीआई (वोडाफोन-आईडिया) कंपनी में सिम कार्ड प्रमोटर के पद पर कार्यरत है। मुंशी पुलिया के सामने कैनोपी लगाकर सिम बेचता है। कभी कभी देहात क्षेत्र में भी सिम एक्टीवेट करने जाता है। जो लोग कम पढे़ लिखे होते है। उनके नाम पर एक ही आईडी पर कई सिम एक्टिव कर देता है और उनको एक दे कर बाकी ब्लैक में हम लोगों को 400 से 500 रुपए में दे देता है।

पूरे देश में फैला है नेटवर्क
प्रभारी एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह  के मुताबिक इस गिरोह का जाल जयपुरए लखनऊ सहित कई शहरों में में फैला हुआ है। इनके अन्य आपराधिक गतिविधियों के संबंध में जानकारी की जा रही है। बरामद डेटा का फोरेंसिक आडिट कराया जायेगा। डेटा ब्रीच कहॉ से हुआ हैए इसकी जानकारी की जा रही है। कंपनियों का डेटा हैंकिंग या किसी कर्मचारी के माध्यम से प्राप्त हुआ है। इस संबंध में भी जांच की जा रही है।

फर्जी बैंक एकाउन्ट किस तरह से खालेे गये इसमे बैंक कर्मियों की मिलीभगत के संबंध मे भी जॉच की जा रही है। बैंक का एकाउंट डिटेल प्राप्त करके कुल धोखाधड़ी के सम्बन्ध मे जानकारी की जा रही है। इसके अलावा इंश्योरेन्स कंपनी…

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