Uncategorized

अंडा, हाई क्वालिटी प्रोटीन का नेचुरल सोर्स

विष्णु प्रिया सिंह
हार्ट अटैक, स्ट्रोक और फैटी लीवर से बचने के लिये डेली, केवल एक अंडा खायें। अगर ज्यादा अंडे खाने हैं तो योक यानी यलो पार्ट निकाल दें। अगर बॉडी–बिल्डिंग के लिये मसल बनानी हैं तो रोजाना बिना योक के 5 से 6 से अंडे खायें। वजह जहां बाजार में बिकने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट की क्वालिटी पर संदेह रहता है वहीं अंडा, हाई क्वालिटी प्रोटीन का नेचुरल सोर्स है।

टीवी-रेडियो पर “संडे-मंडे, रोज खायें अंडे” जैसे विज्ञापन, है तो कहीं “अंडे खाने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक” जैसी खबरें है। खायें या न खायें, समझ ही नहीं आता। टोटल कन्फ्यूजन। कन्फ्यूजन दूर करने के लिये जब कुछ आहार विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने बताया कि अंडों के लिये पक्षी पालने का चलन करीब 4000 साल पुराना है। और खाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं मुर्गी के अंडे। बाहर सख्त खोल, अंदर पोषण से भरी जर्दी। सफेद हों या गोल्डन, पोषण गुणवत्ता में दोनों बराबर होते हैं।

मुर्गी के एक उबले अंडे में होती हैं करीब 75 कैलोरीज। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-मिनिरल और कैरोटीनॉयड जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर अंडे में होती है सबसे उम्दा प्रोटीन। करीब 6 ग्राम प्रति अंडा। ये प्रोटीन का गोल्ड स्टैंडर्ड है। बॉडी-बिल्डिंग के लिये इससे अच्छा कुछ नहीं।

पोषक तत्वों की डिटेल में जायें तो 50 ग्राम वजनी एक अंडे में 0.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 11.2 ग्राम लिपिड, 198 मिलीग्राम फास्फोरस, 142 मिलीग्राम सोडियम, 138 मिलीग्राम पोटैशियम, 56 मिलीग्राम कैल्शियम, 12 मिलीग्राम मैग्नीशियम और 1.75 मिलीग्राम आयरन होता है। साथ ही होते हैं विटामिन ए, बी, ई और फोलेट जैसे पोषक तत्व। लेकिन विटामिन बी सबसे ज्यादा।

अंडो के बारे में आहार विशेषज्ञों का कहना है कि कुपोषण से निपटने में इनका कोई जबाब नहीं। एंटीबैक्टीरियल, ऐंटीकैंसर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर अंडा गजब का इम्युनिटी बूस्टर है। एक मेगा अध्ययन से सिद्ध हुआ कि बच्चों में कम वजन और बौनापन दूर करने में अंडे का कोई विकल्प नहीं। अंडे में मौजूद अमीनो एसिड “ल्यूसीन” मांसपेशियों की निर्माण प्रक्रिया प्रोत्साहित करता है। मांसपेशियों और बोन हेल्थ दोनों के लिये उपयोगी है अंडा। इसका नियमित सेवन सरकोपेनिया यानी बढ़ती उम्र में मांसपेशियों की ताकत, द्रव्यमान और कार्य-क्षमता में आने वाली गिरावट रोककर हड्डियों को मजबूती देता है।

याद्दाश्त और थॉयराइड में कारगर
हमारे बाल बनते हैं केरोटीन प्रोटीन से। शरीर में इसकी कमी का अर्थ है एलोपेसिया यानी बाल झडऩा। अंडे की जर्दी में मौजूद हेयर ग्रोथ पेप्टाइड, एलोपेसिया से निपटने में उतना ही सक्षम है जितनी इसकी दवा मिनोक्सिडिल। हाई-क्वालिटी प्रोटीन से भरपूर अंडा, एलोपेसिया रोककर बालों की ग्रोथ ठीक करता है। अंडे में मौजूद ट्राइमेथिलैमाइन एंटीबैक्टीरियल रसायन हमें यूरीनरी ट्रैक इंफेक्शन, निमोनिया, डाइरिया और ई-कोलाई जैसे खतरनाक बैक्टीरिया से बचाता है। इसमें मौजूद ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट आंखों को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षित रखने के साथ मैकुलरडिजेनरेशन से बचाते हैं।

कमजोर याद्दाश्त बुढ़ापे की कॉमन प्रॉब्लम है। अंडे के ल्यूटिन, कोलीन और ट्रिप्टोफैन जैसे पोषक तत्व दिमाग को स्वस्थ रखते हैं। कोलीन, मेटाबोलिक फंक्शन ठीक रखने के साथ दिमाग की कार्य-क्षमता बढ़ाता है जिससे बुढ़ापे में याद्दाश्त ठीक, दिमाग सजग और सतर्क रहता है। रोज केवल एक अंडा खाने से थॉयराइड प्रॉब्लम और दिल की बीमारियों का रिस्क घटता है। वजह इसमें मौजूद आयोडीन, सेलेनियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व और हाई-डेनिस्टी लिपोप्रोटीन। ये शरीर में थॉयराइड हारमोन का संतुलन बनाकर खराब कोलेस्ट्रॉल को नसों में जमने नहीं देते।

हार्ट–अटैक रिस्क क्यों?
जब अंडों में इतना पोषण तो हार्ट अटैक क्यों? जबाब है अंडे में मौजूद लिपिड (कोलेस्ट्रॉल)। करीब 5 ग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है एक अंडे के योक (जर्दी) में। एचडीएल और एलडीएल दोनों तरह का। एचडीएल माने अच्छा, एचडीएल माने खराब। ज्यादा अंडे खाने से शरीर में अच्छे के साथ खराब कोलोस्ट्रॉल भी बढ़ता है, जो जम जाता है हमारी नसों में। नसों में कोलोस्ट्रॉल जमना मतलब ब्लॉकेज। यही ब्लॉकेज कारण बनती है हार्ट अटैक, स्ट्रोक और फैटी लीवर का।

कितने अंडे खाना सुरक्षित
हार्ट अटैक, स्ट्रोक और फैटी लीवर से बचने के लिये डेली, केवल एक अंडा खायें। अगर ज्यादा अंडे खाने हैं तो योक यानी यलो पार्ट निकाल दें। केवल सफेद पार्ट ही खायें। याद रहे एक अंडे के योक से शरीर को सभी जरूरी माइक्रोन्यूट्रियेन्ट्स मिल जाते हैं। अगर बॉडी-बिल्डिंग के लिये मसल बनानी हैं तो रोजाना बिना योक के 5 से 6 से अंडे खायें। वजह जहां बाजार में बिकने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट की क्वालिटी पर संदेह रहता है वहीं अंडा, हाई क्वालिटी प्रोटीन का नेचुरल सोर्स है।

कोलेस्ट्रॉल हाई है तो सप्ताह में तीन से चार अंडे ही खायें यानी रोज केवल आधा अंडा। हां, गर्भवती महिलाएं बिना किसी प्रतिबंध के डेली दो अंडे खा सकती हैं। अंडे में मौजूद प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे के समग्र विकास में मदद करते हैं। अंडे को बिना नमक के उबालें। वजह, अंडे में पहले से काफी सोडियम होता है। नमक डालकर उबालने से सोडियम हाई हो जाता है जो कारण बन सकता है ब्लड प्रेशर बढऩे का।

नुकसान क्या-क्या?
ज्यादा मात्रा में अंडे खाने से मोटापा और हाई कोलोस्ट्रॉल जैसी समस्यायें हो सकती हैं। वजह इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट। जो बढ़ाता है लो-डेन्सिटी कोलोस्ट्रॉल। इससे कुछ लोग नॉन-एल्कोहलिक फैटी लीवर का शिकार हो जाते हैं तो कुछ हार्ट-अटैक/ स्ट्रोक जैसी समस्याओं का। अगर सम्भव हो तो पोल्ट्री फॉर्म के बजाय देसी अंडों को प्राथमिकता दें, इनमें एलडीएल कम और ल्यूटिन का स्तर अधिक होता है। अंडे, हमेशा अच्छी तरह पकाकर खायें, कम से कम 3 मिनट। अधपके अंडे खाने से साल्मोनेला इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे केस भी सामने आये जिनमें एग एलर्जी के कारण 5 साल से छोटे बच्चों को उल्टी, नाक बहने, अस्थमा और शरीर पर चकत्ते जैसी समस्यायें हुयीं। ऐसी किसी भी एलर्जिक कंडीशन में तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights