ईडी को मिली भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी की 39 संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति
भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मुंबई की एक विशेष पीएमएलए कोर्ट ने ईडी को नीरव मोदी की 39 संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दे दी है। यह नीरव मोदी के लिए बड़ा झटका है। कोर्ट में नीरव मोदी और उसके कंपनियों द्वारा गिरवी रखी गई या बंधक की गई 9 संपत्तियों की मांग करने वाले पीएनबी के आवेदन को भी अनुमति दे दी है। आपको बता दें कि इससे पहले कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के अनुसार नियम मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। इससे पहले जुलाई में भी नीरव मोदी से जुड़ी करीब 250 करोड़ रुपए की संपत्ति ईडी ने जब्त की थी। आपको बता दें कि नीरव मोदी अभी ब्रिटेन में है। भारत सरकार उसे लगातार यहां लाने की कोशिश कर रही है।
नीरव मोदी पर दो अरब डॉलर घोटाले का आरोप है। ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी को लेकर 25 फरवरी को एक फैसला सुनाया था जिसके बाद उसके भारत आने का रास्ता साफ हुआ था। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में आरोपी है। इससे पहले लंदन उच्च न्यायालय ने कहा था कि भारत एक मित्र देश है और ब्रिटेन को भारत सरकार के इन आश्वासनों में खामियां नहीं ढूंढनी चाहिए कि धोखाधड़ी और धनशोधन से संबंधित मुकदमे के दौरान हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी। सुनवाई के दौराननीरव के बचाव पक्ष ने दावा किया कि यदि उसे भारत के “प्रतिकूल वातावरण” में भेजा जाता है तो उसकी अवसाद की स्थिति बदतर हो जाएगी। बचाव पक्ष ने कहा कि भारत में राजनीतिक नेताओं ने नीरव को पहले ही अपराधी घोषित करके “बुरे व्यक्ति” रूप में पेश किया है।
कोर्ट का बड़ा निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा है कि वे एक सप्ताह के भीतर बैठक करें और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के रिश्तेदार मयंक मेहता द्वारा किए गए खुलासे तथा पैसों के लेन-देन से जुड़ी सामग्री साझा करें। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मेहता से कहा कि जांच एजेंसी को पड़ताल में बैंक खातों के संबंध में जो भी प्रासंगिक जानकारी मिली है, उसे वह सीबीआई के साथ साझा करें। पीठ बंबई उच्च न्यायालय के 23 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उस आदेश में मेहता को हांगकांग की यात्रा करने और वहां तीन महीने तक रहने की अनुमति दी गई थी।