मणिपुर में हिली धरती, 3.2 तीव्रता का आया भूकंप
मणिपुर के नोनी में मंगलवार तड़के भूूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप के झटके सुबह लगभग 2 बजकर 46 मिनट पर महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप से किसी जान-माल के हानि की पुष्टि नहीं की है.
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
भू-विज्ञान के जानकार बतातें हैं कि हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. जानकार के मुताबिक, धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.
भूकंप आने पर क्या करना चाहिए?
सबसे पहले भूकंप आने की स्थिति में खुद को शांत करें और घबराएं नहीं. जल्द आस-पास मौजूद टेबल के नीचे जाएं और अपने सिर को ढक लें. भूकंप के दौरान अगर गाड़ी के अंदर हैं तो गाड़ी तुरंत रोक दें और झटके रुकने तक अंदर ही बैठे रहें. बाहर निकलते समय लिफ्ट का इस्तेमाल न करें और बाहर आने के बाद पेड़, दीवार और खंभों से दूर रहें. जब तक भूकंप के झटके ना रुकें, टेबल के नीचे ही रहें. भूकंप के झटके रुक जाएं, वैसे ही तुरंत घर, ऑफिस या कमरे से बाहर निकल जाएं.
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है. यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते. रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं. इसको भी हम महसूस नहीं करते. वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन इनसे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.